नई दिल्ली: भारत छोड़ो आंदोलन के 75 साल पूरे होने पर लोकसभा में चर्चा करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने बिना नाम लिए आरएसएस पर हमला करते हुए कहा कि ऐसे संगठन शुरू से इस आंदोलन के खिलाफ था। इसके साथ ही मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि देश में फिलहाल बहस करने की स्पेस काफी कम हो गई है। लोग डर और भय के माहौल में जी रहे हैं।
लोकसभा में चर्चा की शुरुआत करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि देश के स्वतंत्रता आंदोलन में 9 अगस्त का एक महत्वपूर्ण स्थान है। सभी प्रमुख नेता जेल चले गए थे। अंग्रेजों ने इस आंदोलन की विशालता के बारे में नहीं सोचा था।
1947 की आजादी में भारत छोड़ो आंदोलन का प्रमुख योगदान है।
1857 से शुरू हुआ आजादी का बिगुल 1942 में जाकर के पूरा हुआ था।
9 अगस्त को इसलिए चुना गया था क्योंकि इसी दिन काकोरी कांड हुआ था।
जयप्रकाश नारायण, लोहिया ने इस आंदोलन का नेतृत्व किया था। क्योंकि सभी बड़े नेताओं को अंग्रेजों ने नजरबंद किया था।
जनता ने गांधी द्वारा दिए गए करो या मरो के नारे को बिलकुल अपना लिया था।
भारत के आजाद होने के साथ ही ब्रिटेन का पूरी दुनिया से औपनिवेशवाद खत्म हो गया था।
1942 में देश का हर आदमी नेता बन गया था।
भारत के लिए इतने सालों में अवसर काफी बढ़ गए हैं।
मिलकर काम हो तो गांधी का सपना पूरा होगा।
हम कई समस्याओं के खिलाफ काफी अच्छे से काम कर सकते हैं।
हम ईमानदारी का संकल्प करके देश को आगे ले जा सकते हैं।
दल से बड़ा देश, राजनीति से बड़ी राष्ट्रनीति।
गांव छोड़कर लोग शहर की तरफ रुख कर रहे हैं।
हम मिलकर काम करेंगे तो सफलता मिलेगी।
महात्मा गांधी के ग्राम स्वराज का सपना भ्रष्टाचार की वजह से पीछे छूट गया है।
छोटी-छोटी बातों पर लोग हिंसक हो रहे हैं। ट्रैफिक जाम पर लोग लड़ लेते हैं।
जीएसटी किसी एक के लिए नहीं बल्कि पूरे देश के लिए कामयाबी की बात है।
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा कि वो शुक्रगुजार हैं कि कांग्रेस द्वारा आयोजित इस आंदोलन में भाग लिया था, जिसकी नींव महात्मा गांधी, जवाहर लाल नेहरू और सरदार पटेल ने रखी थी।
करो या मरो के नारे से पूरे देश को उत्तेजित कर दिया था। नेहरू ने अपना सबसे लंबा वक्त जेल में इस आंदोलन के दौरान बिताया। कई लोग भूमिगत हो गए थे। सत्याग्रहियों को डराने के लिए महिलाओं को भी अंग्रेज सरकार ने नहीं बख्शा था। आंदोलन के दौरान कई कांग्रेसी जेल में मर गए थे। महिलाओ ने भी इस आंदोलन में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया था। बिना नाम लिए किया RSS पर हमला, कहा ऐसे संगठनों का आजादी की लड़ाई में कोई योगदान नहीं रहा। ये ऐसे संगठन थे जो इस आंदोलन के शुरू से खिलाफ थे।
इससे पहले पीएम मोदी ने ट्वीट करके कहा कि 75 साल पहले 1942 में भारत को अंग्रेजों से मुक्त कराना बड़ी जिम्मेदारी थी। लेकिन अब विषय काफी अलग हैं। आज हम शपथ लेते हैं कि भारत को 2022 तक गरीबी, गंदगी, भ्रष्टाचार, जातिवाद से मुक्ति दिलाएं।
मुंबई के आजाद मैदान से 1942 में महात्मा गांधी ने अंग्रेजों से भारत छोड़ने का ऐलान किया था। इस आंदोलन में 940 लोग मारे गए थे, 1630 घायल, 18 हजार नजरबंद और 60229 लोग गिरफ्तार हुए थे।
प्रधानमंत्री ने लोगों से कहा: 2022 तक करें ‘नये भारत’ का निर्माण
‘भारत छोड़ो’ आंदोलन की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लोगों से कहा कि वह देश को साम्प्रदायिकता, जातिवाद और भ्रष्टाचार जैसी समस्याओं से मुक्त बनाने के लिए कदम उठाएं और 2022 तक ‘नये भारत’ का निर्माण करें।
महात्मा गांधी के नेतृत्व में वर्ष 1942 में हुए ऐतिहासिक आंदोलन में भाग लेने वाले सभी लोगों को सलाम करते हुए मोदी ने लोगों से इससे प्रेरणा लेने को कहा। कई ट्वीट में मोदी ने लिखा है कि आजादी पाने के लिए महात्मा गांधी के नेतृत्व में पूरा देश एकजुट हुआ था।
उन्होंने लिखा है, ‘‘ऐतिहासिक भारत छोड़ो आंदोलन की 75वीं वर्षगांठ पर हम आंदोलन में भाग लेने वाले सभी महान महिलाओं और पुरुषों को सलाम करते हैं।’’ उन्होंने लिखा, ‘‘1942 में भारत को उपनिवेशवाद से मुक्त कराने की जरूरत थी। आज, 75 साल बाद मुद्दे अलग हैं।’’
मोदी ने लिखा है, ‘‘भारत को गरीबी, गंदगी, भ्रष्टाचार, आतंकवाद, जातिवाद, साम्प्रदायिकता से मुक्त कराने और 2022 तक ‘नये भारत’ का निर्माण करने की शपथ लें।’’ ‘संकल्प से सिद्धि’ का नारा देते हुए प्रधानमंत्री ने लोगों से अपील की कि वे कंधे-से-कंधा मिलाकर ‘‘ऐसे भारत का निर्माण करें जिस पर हमारे स्वतंत्रता सेनानियों का गर्व हो’’।