Published On : Sat, Dec 23rd, 2017

व्यवस्थापन खर्च वहन के लिए संकुल परिसर को बनाया गया लॉन

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नागपुर: विभागीय खेल संकुल को संचलन के लिए सरकारी मदद देने के बजाय परिसर का व्यवसायिक कार्यक्रमों से आय अर्जित कर व्यवस्थापन करने का अधिकार संचालन समिति को दिया गया. समिति ने वर्ष भर नियमित खेल-प्रशिक्षण और प्रतियोगिताओं का आयोजन कर उससे होने वाले आय से संचलन करने के बजाय पिछले कुछ माह से शादी-समारोह के लिए किराये पर देने को तहरिज दे रहे हैं. इससे संकुल का उद्देश्य तो बाधित हो रहा,साथ ही खेल मैदान की दुर्दशा भी हो रही है.

ज्ञात हो कि राज्य विधान मंडल के शीतकालीन अधिवेशन के आखिरी दिन २२ दिसंबर की शाम विभागीय खेल संकुल परिसर के खुले मैदान पर एक आलिशान शादी-समारोह संपन्न हुआ. अब तक आधे मैदान पर समारोह हुआ करता था और गंदगी भी आधी हुआ करती थी. लेकिन कल संपन्न हुई शादी-समारोह के लिए पूर्ण खुला मैदान का इस्तेमाल किया गया था. इस वजह से पूर्ण खुले मैदान के परिसर के चारों ओर बचे भोजन आदि का फैलाव और उससे होने वाली बदबू से परिसर तहस-नहस किया गया.

परिसर में मिले खेल प्रशिक्षकों के अनुसार इस मैदान को पुनः खेल उपयोगी बनाने के लिए कम से कम सप्ताह भर का समय लगेगा. शादी-समारोह के आयोजकों ने २० दिसम्बर से ही मैदान अपने कब्जे में लेकर समारोह की तैयारी शुरू कर दी थी.

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उक्त ग़ैरकृत से खेल-प्रशिक्षण कम से कम १० दिनों के लिए बाधित हुआ. यही अगर किसी लॉन में उक्त समारोह किया जाता तो आयोजकों का खर्च दोगुना हो जाता, क्योंकि यह आयोजन संकुल परिसर में किया गया तो आयोजकों के मेहमानों को विशालकाय पार्किंग बिना किसी अड़चन के मुफ्त में मिल गई.

उल्लेखनीय यह है कि उक्त प्रयोग से संकुल के संचालन मंडल को बड़ी आय हो रही है. अगर राज्य सरकार राज्य के सभी विभागीय संकुलों को संचलन के लिए मांग के अनुरूप निधि उपलब्ध करवाई गई तो संकुल में सिर्फ खेल से सम्बंधित आयोजन हुआ करेंगे. इस ओर राज्य सरकार ध्यान देने के बजाय राज्य और राज्य के बहार के उत्कृष्ट खिलाड़ियों को लाखों का इनाम देकर सिर्फ बड़ी-बड़ी खेल संबंधी घोषणाएं कर अपना पल्ला झड़क लेती रही हैं.



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