मुंबई: एसटी कर्मचारियों की जारी हड़ताल को लंबा खिंचता देख बॉम्बे हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को कड़े शब्दों में फटकार लगाई है। बॉम्बे हाईकोर्ट ने सवाल किया कि, सरकार ने हड़ताल को ख़त्म करने के लिए कोई ठोस कदम उठाये हैं क्या?
कोर्ट ने तीव्र शब्दों के साथ सरकार को फटकार लगते हुए कहा कि ‘ हड़ताल ख़त्म करने के लिए सरकार ने क्या ठोस कदम लिए हैं, यह बताए। अन्य कोई भी बात सुनने के लिए कोर्ट को रुचि नहीं है।’ हड़ताल ख़त्म होने के बाद कोई ठोस फॉर्मूले बनाएं गए हैं क्या? कोई पॉलिसी बनाई गई है क्या? कोर्ट पक्षों को जोड़ने या तोड़ने के लिए नहीं बैठा है। लोगों के लिए पर्यायी विकल्पों के इंतजाम किए गए हैं क्या? इस तीखे शब्दों के साथ कोर्ट ने सरकार पर वार किया।
“राज्य सरकार के इस सुस्त रवैये का हर्जाना आम जनता को भुगतना पड़ रहा है। सरकार ने हड़ताल के शुरू होने के पहले और शुरू होने के बाद इन परिस्थितियों पर काबू पाने के लिए क्या योजना बनाई है, वह कोर्ट में पेश करे। कोर्ट ने कहा है कि सरकार ने हड़ताल को ख़त्म करने के लिए अब तक कोई भी सकारात्मक प्रतिक्रया नहीं दखाई है।
एसटी कर्मचारियों की ३ मुख्य मांगें :
1. एसटी कर्मचारियों को सातवां वेतन आयोग लागू करे।
2. पद के मुताबिक वेतन श्रेणी दी जाए।
3. जब तक मजदूरों और कर्मचारियों के वेतन के मामले पर ठोस फैसला नहीं लिया जाता, तब तक कर्म्चारियों को 25 प्रतिशत महंगाई भत्ता दिया जाए।