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नई दिल्ली/नागपुर: आरएसएस को गांधी की हत्या से जोड़ने वाले बयान के लिए राहुल गांधी अदालत में मुकदमा लड़ेंगे। राहुल ने इस मुकदमे को रद्द करने की अपील सुप्रीम कोर्ट से वापस ले ली है। राहुल गांधी की तरफ से कोर्ट में कहा गया था कि उन्होंने एक संस्था के रूप में आरएसएस पर गांधी की हत्या में शामिल होने का आरोप नहीं लगाया था। बल्कि आरोप संघ से जुड़े कुछ लोगों पर था। लेकिन राहुल गांधी के इस बयान के बाद उन पर केस करने वाले आरएसएस कार्यकर्ता राजेश कुंटे के वकील ने इस बयान को नाकाफी बताया।
कुंटे के वकील यू आर ललित ने कहा कि हर चुनाव में एक वर्ग विशेष का वोट लेने के लिए आरएसएस के बारे में झूठ फैलाया जाता है। राहुल सीधे ये कहें कि आरएसएस ने गांधी को नहीं मारा साथ ही, भविष्य में ऐसे बयान न देने की भी बात कहें।
इस पर राहुल के वकील कपिल सिब्बल ने अदालत में कहा की’ राहुल कोर्ट में पहले रखे गए बयान में और कुछ जोड़ना नहीं चाहते इसलिए, अपील वापस ले रहे हैं। हम निचली अदालत में मुकदमे का सामना करने को तैयार हैं।” इसके बाद कपिल सिब्बल ने निचली अदालत में राहुल को व्यक्तिगत पेशी से छूट देने की मांग की लेकिन, सुप्रीम कोर्ट ने इससे मना कर दिया।
राहुल गांधी ने 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान आरएसएस को महात्मा गांधी की हत्या से जोड़ने वाला बयान दिया था। मुंबई के भिवंडी में दिए भाषण में राहुल ने कहा था कि संघ के लोगों ने गांधीजी को गोली मारी थी। इस बयान को लेकर राजेश कुंटे ने भिवंडी की कोर्ट में मानहानि का मुकदमा दर्ज किया था। बॉम्बे हाई कोर्ट ने इस मुकदमे को रद्द करने से मना कर दिया था। जिसके बाद राहुल ने मुकदमे को रद्द करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी पर अब उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में साफ कर दिया है कि वह अदालत में इस केस का सामना करेगे।
सच का सामना करने से डरते है राहुल गांधी – आरएसएस
अदालत में केस लड़ने की राहुल गांधी द्वारा तैयारी दिखाए जाने के बाद संघ ने उन पर प्रहार किया है। संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख मनमोहन वैद्य द्वारा एक ट्वीट किया गया जिसमे कहा गया कि राहुल सच का सामना करने से डरते है। राहुल गांधी क्यूँ दो सालो से अदालत का सामना करने के लिए बहाना बना रहे थे? वो लगातर पीछे पलट रहे है।