नागपुर: राज्य के वित्तमंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने नागपुर को विशेष निधि दिए जाने की जानकारी दी है। जिले को यह निधि उसके उपराजधानी होने की वजह से दी जाएगी। शुक्रवार को नागपुर स्थित विभागीय आयुक्त कार्यालय में जिला नियोजन जायजा बैठक लेने के बाद पत्रकारों से बातचीत के दौरान उन्होंने ये जानकारी दी। इस बैठक में कुछ जनप्रतिनिधियों ने पूर्व में बीजेपी -सेना की सरकार के दौरान यह निधि मिलने की जानकारी वित्तमंत्री को दी। जिसके बाद उन्होंने मुंबई इस संबंध में पूर्व में लिए गए फ़ैसले के नियम की जाँच के बाद यह निधि फिर से उपलब्ध कराये जाने का भरोषा दिलाया। वित्तमंत्री ने बताया की उन्होंने भी इस बाबत कोई थोस जानकारी नहीं थी उन्होंने बस सुन रखा था।
जब उन्होंने इस पर जानकारी हासिल की तो पता चला की नितिन गड़करी राज्य सरकार में मंत्री थे तब उन्ही के प्रयास से तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर जोशी ने राज्य की उपराजधानी को यह निधि देने का प्रावधान किया था। वर्ष 1995 से 99 के दौरान यह निधि दी भी गई लेकिन बाद में सरकार द्वारा यह निधि देना बंद कर दिया गया। वित्तमंत्री बजट पूर्व जिला नियोजन के तहत जिलों को उपलब्ध कराई जाने वाली निधि का जायजा लेने नागपुर में थे। उन्होंने पत्रकारों को बताया की जीएसटी लागू होने के बाद महाराष्ट्र इसमें बेस्ट परफॉर्मेंस राज्य है। सरकार के बजट में सिंचन क्षेत्र को बढ़ाने पर विशेष लक्ष्य सुनिश्चित किया गया है। बीते एक वर्ष में जितना काम हुआ उतना बीते सात वर्षो में नहीं हो पाया। उनकी सरकार सिंचन क्षेत्र की विकास दर 5,8 फीसदी से 9,4 फीसदी पर लाने में सफल हुई है।
विदर्भ राज्य का निर्माण अभी संभव नहीं
वित्तमंत्री से अलग विदर्भ राज्य पर किये गए सवाल का उन्होंने गोलमटोल जवाब देकर पल्ला झाड़ लिया। उनके मुताबिक राज्य के निर्माण के लिए विधिमंडल में बहुमत के आधार पर प्रस्ताव पास करना जरुरी है। विदर्भ राज्य देने का भले उनका मानस हो बावजूद इसके उनके पास अपर्याप्त संखयबान है इसलिए विदर्भ राज्य देने अभी संभव नहीं है। बीजेपी का विदर्भ राज्य को लेकर मत भले स्पष्ट हो बावजूद इसके अभी यह संभव नहीं है। उन्होंने अटल बिहारी वाजपई के शाषनकाल में राज्यों के हुए निर्माण का उदहारण देते हुए बताया की उस समय बने राज्यों में यही प्रक्रिया अपनाई गई थी। लोकतंत्र के कुछ नियम होते है उसी आधार पर चलना पड़ता है।
संयुक्त राष्ट्र संघ के सहयोग से रोजगार का विकास
वित्तमंत्री के मुताबिक रोजगार के अवसर बढ़ाने और निर्माण करने के लिए संयुक्त राष्ट्र संघ का सहयोग लिया जाएगा। इस संबंध में महाराष्ट्र सरकार द्वारा एमओयू पर हस्ताक्षर हो चुका है और जल्द ही इस दिशा में काम शुरू हो जायेगा। पायलट प्रोजेक्ट के तहत 127 तहसीलों का चयन किया गया है जिसमे से 23 को विशेष दर्जा दिया गया है। मानव विकास सूचकांक को आधार बनाकर किया जायेगा। सरकार द्वारा संयुक्त राष्ट्र संघ को एक प्रेजेंटेशन दिया गया जिसे सराहना प्राप्त हुई।