कन्हान (नागपुर)। महाराष्ट्र राज्य कोतवाल संयुक्त संघर्ष समिति के तत्वावधान में शाँतिपूर्ण मार्ग से वर्तमान शासकों की कोतवालों की प्रति भूमिका क्या है, यह जानने गुरुवार 18 दिसम्बर को वसंतराव देशपांडे सभागृह, नागपुर में कोतवालों का राज्यव्यापी अधिवेशन आयोजित है.
यहाँ जारी विज्ञप्ति के अनुसार, महाराष्ट्र राज्य कोतवाल संयुक्त संघर्ष समिति के तत्वावधान में कोतवालों की राज्यव्यापी सम्मेलन के पूर्व विधानमण्डल के शीतकालीन अधिवेशन के दौरान मोर्चा निकाला जाता रहा है. मोर्चा के शिष्टमण्डल का निवेदन स्वीकार कर माननीय महसूल मंत्री व मुख्यमंत्री चर्चा कर आश्वासन देते रहे हैं. यह परम्परा राज्य में लगातार जारी रही है. इससे पूर्व संगठन ने मोर्चा निकाली थी, उस वक्त विपक्षी दल के नेता कोतवालों की उचित माँगों की मंजूरी के लिए सत्तासीनों पर अपना दबाव बनाकर भूमिका अदा कर विचार रख समस्याओं का निदान करते रहे हैं. इसका अच्छा अनुभव संगठन को है. जिन्होंने कोतवालों की माँगों के लिए आंदोलन का समर्थन किया, वकालत की, शासकों ने सभागृह में ध्यानाकर्षण, सूचना, स्थगन, प्रस्ताव, अधिकारों का उल्लंघन प्रस्ताव रख तत्कालीन शासकों को ‘करो या मरो’ जैसी स्थिति पैदा की. कोतवालों को न्याय दिलाने वाले वे विपक्षी दल अब शासक हैं. वे अनेकों बार आर्थिक, मानसिक, शारीरिक शोषण की गंभीरता से कोतवालों की प्रलंबित माँगों को दिलाने के लिए बड़ी प्रामाणिकतापूर्ण तरीके से प्रयास करते रहे. आज हम उनके विरोध में मोर्चा निकाल, अविश्वास व्यक्त करें ऐसा अव्यावहारिक व अन्यायपूर्ण प्रतीत होता है. हमारे न्यायिक हकों की माँग के लिए लडऩे वाले अब हमें हमारे माँगों को मंजूर कर न्याय देगी, इसके लिए संगठन को 100 प्रतिशत विश्वास है और इसलिए संगठन ने मोर्चा न निकालते हुए संगठन की वर्तमान स्थिति को दर्शाने कोतवालों की राज्यव्यापी भव्य अधिवेशन वसंतराव देशपांडे सभागृह, सिविल लाइन्स, नागपुर में गुरुवार 18 दिसम्बर 2014 की शाम 6 बजे आयोजित है.
अधिवेशन के आयोजन से पूर्व राज्य के मुख्यमंत्री, महसूल मंत्री, वित्त व नियोजन मंत्री को मुंबई, नागपुर व अमरावती जहाँ मौका मिला प्रत्यक्ष भेंट कर निमंत्रण व माँगों का निवेदन सौंपा गया. कोतवालों के राज्यव्यापी अधिवेशन के उद्घाटक के रूप में प्रमुख अतिथि कृषि मंत्री एकनाथ खड़से, मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस, वित्त मंत्री सुधीर मुनगंटीवार की अध्यक्षता में कार्यक्रम का आयोजन किया जाना है. इस अधिवेशन में 10 से 12 हजार कोतवालबंधु उपस्थित रहेंगे. कोतवालों के जीवन-मरण सभी समस्याओं के निराकरण के लिए राज्य के सभी भारी संख्या में उक्त राज्यव्यापी अधिवेशन में उपस्थित रहें. उक्त आशय का आह्वान संगठन के अध्यक्ष उत्तमराव गवई ने किया है.कोतवालों का राज्यव्यापी अधिवेशन 18 को
कन्हान. महाराष्ट्र राज्य कोतवाल संयुक्त संघर्ष समिति के तत्वावधान में शाँतिपूर्ण मार्ग से वर्तमान शासकों की कोतवालों की प्रति भूमिका क्या है, यह जानने गुरुवार 18 दिसम्बर को वसंतराव देशपांडे सभागृह, नागपुर में कोतवालों का राज्यव्यापी अधिवेशन आयोजित है.
यहाँ जारी विज्ञप्ति के अनुसार, महाराष्ट्र राज्य कोतवाल संयुक्त संघर्ष समिति के तत्वावधान में कोतवालों की राज्यव्यापी सम्मेलन के पूर्व विधानमण्डल के शीतकालीन अधिवेशन के दौरान मोर्चा निकाला जाता रहा है. मोर्चा के शिष्टमण्डल का निवेदन स्वीकार कर माननीय महसूल मंत्री व मुख्यमंत्री चर्चा कर आश्वासन देते रहे हैं. यह परम्परा राज्य में लगातार जारी रही है. इससे पूर्व संगठन ने मोर्चा निकाली थी, उस वक्त विपक्षी दल के नेता कोतवालों की उचित माँगों की मंजूरी के लिए सत्तासीनों पर अपना दबाव बनाकर भूमिका अदा कर विचार रख समस्याओं का निदान करते रहे हैं. इसका अच्छा अनुभव संगठन को है. जिन्होंने कोतवालों की माँगों के लिए आंदोलन का समर्थन किया, वकालत की, शासकों ने सभागृह में ध्यानाकर्षण, सूचना, स्थगन, प्रस्ताव, अधिकारों का उल्लंघन प्रस्ताव रख तत्कालीन शासकों को ‘करो या मरो’ जैसी स्थिति पैदा की. कोतवालों को न्याय दिलाने वाले वे विपक्षी दल अब शासक हैं. वे अनेकों बार आर्थिक, मानसिक, शारीरिक शोषण की गंभीरता से कोतवालों की प्रलंबित माँगों को दिलाने के लिए बड़ी प्रामाणिकतापूर्ण तरीके से प्रयास करते रहे. आज हम उनके विरोध में मोर्चा निकाल, अविश्वास व्यक्त करें ऐसा अव्यावहारिक व अन्यायपूर्ण प्रतीत होता है. हमारे न्यायिक हकों की माँग के लिए लडऩे वाले अब हमें हमारे माँगों को मंजूर कर न्याय देगी, इसके लिए संगठन को 100 प्रतिशत विश्वास है और इसलिए संगठन ने मोर्चा न निकालते हुए संगठन की वर्तमान स्थिति को दर्शाने कोतवालों की राज्यव्यापी भव्य अधिवेशन वसंतराव देशपांडे सभागृह, सिविल लाइन्स, नागपुर में गुरुवार 18 दिसम्बर 2014 की शाम 6 बजे आयोजित है.
अधिवेशन के आयोजन से पूर्व राज्य के मुख्यमंत्री, महसूल मंत्री, वित्त व नियोजन मंत्री को मुंबई, नागपुर व अमरावती जहाँ मौका मिला प्रत्यक्ष भेंट कर निमंत्रण व माँगों का निवेदन सौंपा गया. कोतवालों के राज्यव्यापी अधिवेशन के उद्घाटक के रूप में प्रमुख अतिथि कृषि मंत्री एकनाथ खड़से, मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस, वित्त मंत्री सुधीर मुनगंटीवार की अध्यक्षता में कार्यक्रम का आयोजन किया जाना है. इस अधिवेशन में 10 से 12 हजार कोतवालबंधु उपस्थित रहेंगे. कोतवालों के जीवन-मरण सभी समस्याओं के निराकरण के लिए राज्य के सभी भारी संख्या में उक्त राज्यव्यापी अधिवेशन में उपस्थित रहें. उक्त आशय का आह्वान संगठन के अध्यक्ष उत्तमराव गवई ने किया है.