Published On : Wed, Mar 31st, 2021

सफर में रहो या घर में रहो, जिंदा हो तो खबरों में रहो।

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नाग विदर्भ चेंबर आॅफ काॅमर्स द्वारा “अखिल भारतीय हास्य कवि सम्मेलन का सफल आयोजन

विदर्भ के 13 लाख व्यापारीयों की अग्रणी व शीर्ष संस्था नाग विदर्भ चेंबर आॅफ काॅमर्स द्वारा हाल ही में फेसबुक आॅनलाईन पर अखिल भारतीय हास्य कवि सम्मेलन का सफल आयोजन किया गया। कार्यक्रम का प्रांरभिक संचालन चेंबर के सचिव श्री रामअवतार तोतला ने किया। तत्पश्चात चेंबर के वरिष्ठ उपाध्यक्ष तथा कार्यक्रम के संयोजक श्री अर्जुनदास आहुजा द्वारा सभी कवियों का परिचय करवाते हुये कहा कि यह कार्यक्रम सभी लक्ष्मीपुत्रों को सरस्वती पुत्रों के सानिध्य से प्रस्तुत करने का साहस कर रहा हूँ। व्यापारी वर्ग शासन के नित-नए कानूनों एवं पिछले एक वर्ष से लाॅकडाउन के कारण परेशान है। ऐसे में आईये कुछ क्षण हँसे, खिलखिलाएं व अपने तनाव को दूर करे। तत्पश्चात् उन्होंने चेंबर अध्यक्ष श्री अश्विनजी मेहाड़िया को प्रस्तावना के लिये आमंत्रित किया।

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अध्यक्ष श्री अश्विनजी मेहाड़िया ने प्रस्तावना में कहा कि यह संस्था विदर्भ के 13 लाख व्यापारियों की अग्रणी व शीर्ष संस्था है। वैश्विक कोरोना महामारी के कारण पूरा देश परेशान है, ऐसे में लोगों से जुड़ने का एकमेव उपाय फेसबुक ही है। इसलिये आज का कार्यक्रम फेसबुक पर आयोजित है साथ ही उन्होंने सभी कवियों का शाब्दिक स्वागत भी किया। आगे उन्होंने कहा कि उन्हें विदर्भ टी.वी. से जानकारी मिली है कि वे इस कार्यक्रम का सीधा प्रसारण भी कर रहे है। जिस पर उपस्थित दर्शकों द्वारा तालियां बजाकर हर्ष व्यक्त किया गया। स्वागत समारोह के पश्चात् मंच सुप्रसिद्ध कवि तथा उद्घोषक मनिष बाजपेयी को सुर्पुद किया।

मनिष बाजपेयी ने सरस्वती वंदना से कार्यक्रम का शुभारंभ किया व प्रथम कवि के रूप में चंद्रपुर से पधारे सुप्रसिद्ध पैरोडिकार आनंद राज आनंद ने अपने गीत में कुछ इस प्रकार भावनाएँ व्यक्त की “देख तेरे संसार की हालत क्या हो गई भगवान, कितना डरा हुआ है इंसान”। इसी क्रम में तिरोड़ी से पधारे हास्य व्यंग्य के कुशल चितेरे श्री दिनेश देहाती ने यह संदेश दिया “सफर में रहों या घर में रहों, जिंदा हो तो खबरों में रहों”। पश्चात् भोपाल के हास्य कवि दीपक दनादन की बारी बायी। उनके तेवर इस प्रकार थे, “साठ साल में तो हमें उसने तबाह किया, लुटिया ही देश की डुबाई, श्रीमान जी।

आपने हमारी आन, बान, आस्था बचाई, आपने ही लाज बचाई श्रीमान जी। पश्चात्, व्यंगकार व मंच संचालक प्राचार्य व उद्घोषक मनीष बाजपेयी ने अपनी रचना व्यक्त की। “सत्ता मिलते ही अपने मस्ती में इतने झुल गए, टेम्परेरी अधिकारों से इतना फूल गए कि रक्षक ही भक्षक बनते जा रहे हैं” अंत में अकोला से पधारे वरिष्ठ कवि घनश्यामजी अग्रवाल द्वारा देश में बढ़ते हुये भ्रष्टाचार पर प्रश्न किया गया “बेताल के इस सवाल पर विक्रम से लेकर अन्ना, मोदी तक सभी मौन है, जब सारा देश भ्रष्टाचार के खिलाफ है, तब साला भ्रष्टाचार करता कौन है?”

उपस्थित पांचों कवियों द्वारा एक से बढ़कर एक रचनायें सुनाकर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध किया व खिलाखिलाने पर मजबूर किया। अंत में चेंबर की सांस्कृतिक समिती के संयोजक श्री संतोषजी काबरा द्वारा काव्यात्मक रूप से आभार प्रदर्शन किया। कार्यक्रम में चेंबर के पुर्व अध्यक्ष श्री कैलाशचंद्रजी अग्रवाल, श्री गोंविदलालजी सारडा एवं श्री प्रफुलभाई दोशी ने विशेष उपस्थिती दर्ज कराई। कार्यक्रम को सफल बनाने सांस्कृतिक समिती के सर्वश्री – अर्जुनदास आहुजा, संतोष काबरा, उमेश पटेल, मोहन चोईथानी, सचिन पुनियानी, शंकर सुगंध एवं स्वप्निल अहिरकर ने अथक प्रयास किया।

साथ ही चेंबर के सर्वश्री – उपाध्यक्ष – फारूखभाई अकबानी, संजय के. अग्रवाल, सहसचिव – शब्बार शाकिर, जनसंपर्क अधिकारी राजुभाई माखीजा व अनेक सदस्य गणोंने कार्यक्रम में शामिल होकर हास्य कवि सम्मेलन का आनंद लिया।
उपरोक्त जानकारी प्रेस विज्ञप्ति द्वारा उपाध्यक्ष अर्जुनदास आहुजा ने दी।

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