नागपुर: निवासी डॉक्टरों की हड़ताल की वजह से मेडिकल कॉलेज अस्पताल की चरमराई स्वास्थ्य व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए अब नए सिरे से डॉक्टरों की भर्ती की जाएगी। मेडिकल प्रशासन द्वारा सोमवार से 50 नए डॉक्टरों की भर्ती के लिए विज्ञापन निकाला जायेगा। दूसरी तरफ सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग के 50 नए डॉक्टरों को सेवा के लिए मेडिकल में शिफ्ट किया जाने वाला है। काम के समय उपयुक्त सुरक्षा की मांग़ करते हुए अस्पताल के करीब 400 निवासी डॉक्टर हड़ताल पर चले गए।
7 अक्टूबर से शुरू निवासी डॉक्टरों की हड़ताल अब भी जारी है अस्पताल में बदहाल हुई व्यवस्था की वजह से डॉकटरो की हड़ताल के दौरान उपयुक्त ईलाज न मिल पाने की वजह से करीब बुधवार शाम तक 63 मरीजों की जान जा चुकी है। डॉक्टरों के अड़ियल रुख को देखते हुए अस्पताल प्रशासन ने मंगलवार देर रात 350 निवासी डॉकटरो को निष्काषित कर दिया। आंदोलनकारियों की मेडिकल शिक्षा मंत्री गिरीश महाजन के साथ चर्चा भी हुई जो बेनतीजा ही साबित हुई। दूसरी तरफ आंदोलनकारी अब भी अपने रुख पर कायम है। बुधवार को उन्होंने रक्तदान कर अपना आक्रोश प्रदर्शित किये अस्पताल परिसर में पहले उन्होंने इसकी इजाजत माँगी थी जो नहीं दी गयी जिसके बाद रक्तदान पेटी केंद्र में जाकर उन्होंने रक्तदान किया।
अस्पताल में सुरक्षा की बेहतर व्यवस्था – डीन
डॉक्टरों के संगठन मार्ड द्वारा काम के दौरान सुरक्षा रक्षको की मांग को लेकर आंदोलन किया जा रहा है। लेकिन मेडिकल के डीन डॉ. अभिमन्यु निसवाड़े के मुताबिक अस्पताल में पर्याप्त तादाद में सुरक्षा रक्षक मौजूद है. उन्होंने जानकारी देते हुए बताया की हॉस्पिटल में 168 सुरक्षा गार्ड है. जिसमे 6 आर्म्स गार्ड, 34 महाराष्ट्र सुरक्षा बल,10 पुलिस और अतिरिक्त 108 लोग सुरक्षा के लिए मेडीकल हॉस्पिटल में तैनात है.
निवासी डॉक्टरों के आंदोलन की वजह से मेडीकल डॉक्टरों की भारी कमी हो गयी है बावजूद इसके डीन का कहना है की अस्पताल में मरीजों के लिए भी 100 सीनियर रेजिडेंट और 35 अंडर रेजिडेंट डॉक्टर अपनी सेवाएं दे रहे है. जबकि फैकल्टी के 300 डॉक्टर ओपीडी संभाल रहे है. मेडिकल द्वारा डॉकटरो को अंतिम चेतावनी के रूप में 7 दिनों का समय दिया है अगर वह नहीं मानते है तो सोमवार से 50 नए डॉक्टरों की भर्ती की प्रक्रिया आरम्भ कर दी जाएगी।