- मशीन का ढक्कन उड़ा, गैस से झुलसे 2 मजदूर गंभीर
- दोनों हताहतों को नागपुर के मेयो रेफर
- कम्पनी में सुरक्षा व्यवस्था नहीं, लापरवाही उजागर
- प्रबंधकों पर मामला दर्ज कर मुआवजे की माँग
- प्रबंधक-सुपरवाइजर फरार, मोबाइल बंद
सावनेर (नागपुर)। सावनेर-नागपुर रोड पर मानेगाँव परिसर स्थित एक टायर कम्पनी के मशीन का ढक्कन उच्च दाब के कारण अचानक विस्फोट के साथ उड़ गया. इससे निकले तेज धुएँ की ताप में 2 मजदूर गंभीर रूप से झुलस गए. संतप्त परिजनों ने कम्पनी संचालकों पर मामला दर्ज कर हताहतों को मुआवजा देने की माँग कर रहे हैं. उधर प्रबंधक और सुपरवाइजर कवरेज क्षेत्र से बाहर बताए जा रहे हैं. पुलिस मामले की जाँच में जुट गई है.
प्राप्त जानकारी के अनुसार, मानेगाँव परिसर स्थित टायर कम्पनी परिसर में 8 मजदूर काम कर रहे थे. इस कम्पनी में टायर को जला कर उससे तेल का निर्माण किया जाता है. बुधवार को 12 बजे के दरम्यान टायर जलाने के लिए उपयोग किए जाने वाली बड़ी मशीन का ढक्कन अचानक उच्च दाब के कारण जोरदार आवाज़ के साथ उड़ गया. जिसमें से गरम तेज गति से वाष्प निकला. वहाँ कार्यरत प्रकाश राऊत (40), मानेगाँव व सुभाष पराते (30) पाटणसावंगी उसकी चपेट में आकर गंभीर रूप से झुलस गए. विस्फोट इतना भयानक था कि मजदूर के कपड़े व जूते के चीथड़े काफी दूर तक जा बिखरे. दोनों मजदूरों को तत्काल प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, सावनेर ले जाया गया. डॉक्टरों ने मामले की गंभीरता को देखते हुए दोनों को नागपुर के मेयो के लिए रेफर कर दिया. दोनों की हालत चिंताजनक बतायी जा रही है.
इधर टायर कम्पनी में अचानक हुए विस्फोट के कारण संचालकों की लापरवाही उजागर हो गई है. कम्पनी में माकूल सुरक्षा व्यवस्था न किए जाने का आरोप लगाये जा रहे हैं. कम्पनी के संचालकों ने मुख्य द्वार को बंद कर घटनास्थल को व्यवस्थित कर सबूत मिटाने के आरोप संतप्त परिजनों व ग्रामीणों द्वारा लगाये जा रहे हैं. उन्होंने कम्पनी संचालकों पर मामला दर्ज कर तत्काल हताहतों को मुआवजा देने की माँग की है.
इस बीच दुर्घटना की जानकारी मिलते ही पाटनसावंगी थाने के पीएसआई विजय पोटे ने घटनास्थल पहुँच निरीक्षण किया व घायल मजदूरों के बयान दर्ज करने सावनेर के प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र से सम्पर्क किया वहाँ से मिली जानकारी के आधार पर मेयो व मेडिकल सरकारी अस्पताल जाकर पूर्ण जानकारी ली, लेकिन मजदूरों की पूरी जानकारी नहीं मिलने व घटना के 30 घंटे बीत जाने के बाद भी पुलिस अब तक बयान दर्ज नहीं कर पायी और न ही मामला. उधर कम्पनी के प्रबंधक व सुपरवाइजर के मोबाइल बंद होने से उनसे सम्पर्क नहीं हो पा रहा है. पुलिस निरीक्षक शैलेष सपकाल के मार्गदर्शन में आगे की जाँच की जा रही है.