नागपुर: नागपुर यूनिवर्सिटी के रविनगर स्थित हॉस्टल में अवैध तरीके से रह रहे विद्यार्थियों को निकालने की प्रक्रिया नागपुर यूनिवर्सिटी प्रशासन ने शुक्रवार से शुरुआत कर दी है. नागपुर यूनिवर्सिटी में पढ़ाई पूरी होने के बाद भी हॉस्टल में रहनेवाले विद्यार्थियों की शिकायत नागपुर यूनिवर्सिटी के पास आ रही थी. जिसके बाद नागपुर यूनिवर्सिटी ने कई बार विद्यार्थियों को हॉस्टल खाली करने के निर्देश दिए. बावजूद इसके नहीं निकलने पर यूनिवर्सिटी प्रशासन ने इन्हे एक सप्ताह पहले नोटिस दिया था. और नोटिस में चेताया था कि अगर 12 अक्टूबर तक हॉस्टल से अवैध तरीके से रहनेवाले विद्यार्थियों ने हॉस्टल खाली नहीं किया तो उन्हें सुरक्षा रक्षकों की मदद से बाहर खदेड़ा जाएगा. जिसके बाद शुक्रवार सुबह से सुरक्षा बलों ने हॉस्टल के कमरों में जाकर सभी विद्यार्थियों के आईकार्ड चेक किए और जिन विद्यार्थियों के पास आईकार्ड नहीं मिले, उन्हें हॉस्टल से बाहर निकाला गया. जिसके बाद निराश मन से विद्यार्थियों ने कमरों से अपना बोरिया बिस्तर समेटा.
इस हॉस्टल के लोअर फ्लोर में 190 कमरे हैं. जिनमें करीब 380 विद्यार्थियों के रहने की व्यवस्था है. यूनिवर्सिटी प्रशासन की ओर से ऐसा बताया गया था कि हॉस्टल के एक एक कमरे में करीब चार विद्यार्थी रहते हैं. जबकि नियम के हिसाब से एक कमरा केवल दो विद्यार्थियों को ही आवंटित किया जाता है. कई विद्यार्थियों को यह भी दुख है कि जिन विद्यार्थियों को हॉस्टल से निकाला जा रहा है, वे अब रहेंगे कहां, क्योंकि वे भी गरीब तबके के ही हैं. इस बारे में नागपुर यूनिवर्सिटी के कुलगुरु डॉ. काणे से संपर्क किया गया, लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो पाया.