Published On : Fri, Feb 6th, 2015

सालेकसा : वार्षिकोत्सव के माध्यम से विद्यार्थियों की प्रतिभा का विकास होता है – सुनील सूर्यवंशी

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Saalekasa
सालेकसा (गोंदिया)। स्थानीय एम. बी. पटेल महाविद्यालय में शैक्षणिक सत्र 2014-15 के दो दिवसीय वार्षिकोत्सव के पुरस्कार वितरण समारोह में सालेकसा के परि. उपजिल्हाधिकारी तथा तहसीलदार सुनील सूर्यवंशी ने प्रमुख अतिथि के र!प में अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि, वार्षिकोत्सव के माध्यम से विद्यार्थियों की प्रतिभा का विकास होता है . शिक्षा, सांस्कृतिक व शैक्षणिक गतिविधियों में भाग लेने से विद्यार्थियों को अपनी प्रतिभा के विकास का अवसर प्राप्त होता  है. समारोह की अध्यक्षता प्राचार्य हरिनारायण चैरसिया ने की प्रमुख अतिथि नायब तहसीलदार ए. टी. संकुदरवार तालुका कृषि अधिकारी जी. जी. तोडसाम तथा छात्र संघ सचिव कु. रंजूताई टेकाम उपस्थित थे.

कार्यक्रम का प्रारंभ दीपप्रज्वलन व माॅं सरस्वती, तुकडोजी महाराज एवं स्व. मनोहरभाई पटेल के छायाचित्र पर माल्यार्पण कर किया गया . संकुदवार तथा तोड़साम ने महाविद्यालय तथा विद्यार्थियों की प्रगति पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि, भविष्य में भी ऐसे कार्यक्रमों में विद्यार्थियों ने भाग लेकर पुरस्कार प्राप्त करना चाहिए तथा अपने जीवन व समाज के प्रति जागर!क रहना चाहिए .

अपने अध्यक्षीय भाषण में प्राचार्य चैरसिया ने कहा कि छात्रों की शैक्षणिक, सांस्कृतिक उपलब्धियों से महाविद्यालय की पहचान बनती है . इस महाविद्यालय ने इन उपलब्धियों के माध्यम से अपनी एक विशिष्ट पहचान बनाई है . विद्यार्थियों ने शिक्षा के साथ-साथ अपनी नौकरी तथा जीवन व्यवसाय के प्रति जागरुक रहकर आत्मनिर्भर बनना चाहिए.

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आमंत्रित अतिथियों ने वार्षिक उत्सव में आयोजित विविध शैक्षणिक, सांस्कृतिक तथा क्रीड़ा स्पर्धा में विजेता स्पर्धियों को स्मृतिचिन्ह व प्रमाणपत्र देकर पुरस्कृत किया . इस अवसर पर राष्ट‘ संत तुकडोजी महाराज नागपूर विद्यापीठ की एम. ए. हिन्दी परीक्षाओं में प्राविण्य सूची में आए विद्यार्थियों का सत्कार किया गया . इस अवसर पर पवन पाथोडे के काव्य संग्रह ज्ञानज्योति के प्रकाशन पर तथा कु. रंजूताई टेकाम का नेहर! युवा केंद्र के तालुका समन्वयक के र!प में उत्कृष्ट कार्य के लिए सम्मानित किया गया.

कार्यक्रम का संचालन प्रा. ममता पालेवार व अश्विन खांडेकर ने तथा आभार डाॅ. जी. एस. हलमारे ने व्यक्त किया . कार्यक्रम को सफ!ल बनाने में प्रा. डाॅ. एन. एम. हटवार, डाॅ. उमावती पवार, प्रा. बी. एन. साखरे, डाॅ. बी. जे. राठोड, प्रा. पी. बी. डोंगरे, प्रा. बी. टी. फुंडे, प्रा. एस. बी. भोवते,  अरविंद भगत, प्रा. वाय. आर. जोगी एवं शिक्षकेत्तर कर्मचारियों में मनीष नन्हें, विनोद मेंढे, महेन्द्र शहारे, मोहन बन्सोडे, विजय पाटिल, नामदेव बागडे, धर्मराज डोंगरे, छात्र संघ सचिव कु. रंजुताई टेकाम, तथा महाविद्यालय के समस्त प्राध्यापकगण व शिक्षकेत्तर कर्मचारी तथा छात्र छात्राओं ने महत्वपूर्ण योगदान दिया.

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प्राचार्य डाॅ. चैरसिया का सम्मान
स्थानीय एम. बी. पटेल महाविद्यालय में प्राचार्य डाॅ. एच. बी. चैरसिया का महाविद्यालय के प्राध्यापकों, शिक्षकेत्तर कर्मचारियों तथा आदिवासी विद्यार्थी संघ द्वारा महाविद्यालय कों दी गई उनकी विशेष सेवाओं के लिए प्रभाकर दोनोडे की अध्यक्षता एवं डाॅ. प्रभाकर गुप्ता, विरेन्द्रकुमार जैन के प्रमुख आतिथ्य में भावभीना सत्कार किया गया.

उल्लेखनीय है कि प्राचार्य चैरसिया ने अप्रेल 2007 में इस महाविद्यालय में प्राचार्य का पदभार ग्रहण किया. उस समय महाविद्यालय में केवल बी. ए. हिन्दी व मराठी माध्यम ही था . उन्होने 2009-10 से इस महाविद्यालय में बी. काॅम. हिन्दी व मराठी माध्यम, बी. एस. सी. तथा एम. ए. हिन्दी, इतिहास व राजनीति शास्त्र, स्नातक स्तर पर समाजशास्त्र तथा अग्रेंजी साहित्य एवं हिन्दी व मराठी माध्यम में अतिरिक्त तुकडी आदि पाठ्यक्रम की शासन व विद्यापीठ से मान्यता प्राप्त कर इसे प्रारंभ किया . इसी के साथ-साथ कला संकाय का कायम संलग्नीकरण किया और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की भी मान्यता प्राप्त की. उनके कार्यकाल में विगत सात – आठ वर्षों में विद्यार्थियों की संख्या भी 500 से 1400 तक पॅंहुची है.

विद्यापीठ की एम. ए. हिन्दी की अब तक की परीक्षाओं में कुल 5 विद्यार्थियों ने उनके मार्गदर्शन में मेरिट में स्थान प्राप्त किया तथा 2 विद्यार्थियों ने पीएच.डी. की उपाधि प्राप्त की. गोंदिया शिक्षण संस्था के प्रेरणा स्त्रोत मा.प्रफुल्लभाई पटेल, संस्था अध्यक्ष मा. वर्षा पटेल, सचिव राजेन्द्र जैन, स्थानीय व्यवस्थापन समिति के उपाध्यक्ष भरतभाउ बहेकार के मार्गदर्शन तथा निर्देशन में वे महाविद्यालय की प्रगति में सतत प्रयत्नशील रहे है. उनके अब तक के कार्यकाल में महाविद्यालय में शैक्षणिक, सांस्कृतिक, क्रीड़ा आदि क्षेत्रों में प्रगति करते हुए शिक्षा के क्षेत्र में इस आदिवासी तथा ग्रामीण तालुका में अपनी एक विशिष्ट पहचान बनाई है. महाविद्यालय में संस्था और उनके प्रयास से ही सभी प्रकार के शैक्षणिक उपकरण, भौतिक व इलेक्ट्रॉनिक संसाधन इंटरनेट, कम्प्युटर साफटवेयर उपलब्ध है. वे अपने स्टाफ तथा विद्यार्थियों को सदैव शैक्षणिक, सामाजिक व सांस्कृतिक कार्यक्रमों हेतु प्रेरित करते रहे है . उनकी इस विशिष्ट उपलब्धियों के लिए प्राध्यापकों, कर्मचारियों तथा विद्यार्थियों द्वारा उन्हें शाल, श्रीफल व स्मृतिचिन्ह देकर सम्मानित किया गया.

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