नागपुर: अब ग्रैज्युएट मतदाताओं को जिन्होंने पहले ही रजिस्ट्रेशन कराया है, उन्हें अब बी फॉर्म के दौरान शैक्षणिक कागजात देने की जरूरत नहीं है. राष्ट्रसंत तुकडोजी महाराज नागपुर विश्वविद्यालय सिनेट चुनाव के लिए मतदाता पंजीयन प्रक्रिया ( फॉर्म बी ) शुरू है. जिसमें अनेक समस्याओं का सामना सामान्य पंजीकृत ग्रैज्युएट मतदाताओ को करना पड़ रहा है. अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की ओर से प्रदेशमंत्री विक्रमजीत कलाने के नेतृत्व में मतदाता पंजीयन प्रक्रिया में सुधार करने की मांग नागपुर यूनिवर्सिटी के कुलगुरु डॉ. सिध्दार्थविनायक काणे से की गई थी.
एबीवीपी का कहना था कि फॉर्म ए द्वारा ग्रैज्युएट पंजीयन के लिए ऑनलाइन पद्धति से हाल ही में पंजीयन करनेवाले विश्वविद्यालय के पात्र पदवीधरों को मतदाता पंजीयन (फॉर्म बी ) द्वारा फिर से वही प्रक्रिया दोहराने लगाना अयोग्य और गलत है. विद्यार्थियों को पहले हुए रजिस्ट्रेशन की यूनिवर्सिटी जांच के बाद पात्र पदवीधरों को मतदाता पंजीयन के लिए ऑनलाइन प्रक्रिया में मतदान केंद्र चुनना और मतदाता पंजीयन करना इतनी ही प्रक्रिया है. जिसके लिए नागपुर यूनिवर्सिटी में प्रत्यक्ष (फॉर्म बी) व सभी सम्बंधित कागजात जमा करने की आवश्कयता न हो. यह मांग एबीवीपी ने की थी.
इस मांग पर कुलगुरु डॉ. सिध्दार्थविनायक काणे ने सकारत्मक निर्णय लिया है. 2017 में जिन पदवीधर मतदाताओं ने पंजीयन यूनिवर्सिटी में किया है. जिन विद्यार्थियों ने पंजीयन कराया है और डिग्री जमा की है, उन्हें फिर कागजात लेने की जरूरत नहीं है. आगामी सिनेट चुनाव के लिए मतदाताओं की योग्य मतदाता सूची प्रसिद्ध करने की मांग भी कुलगुरु से की गई है. कुलगुरु काणे के इस निर्णय से सभी ग्रैज्युएट विद्यार्थियों को दिलासा मिला है. एबीवीपी की ओर से इस दौरान विष्णु चांगदे, प्रवीण उदापुरे, वामन तुरके, अमित पटले, वैभव बावनकर, सिद्दार्थ वालके मौजूद थे.