नागपुर. कम समय में ऊंची उड़ान भरते हुए अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्था (एम्स) ने अनेक उपलब्धियां हासिल की है. कोरोना संकट काल में बेहतर इलाज की वजह से लोगों में विश्वास कायम हो सका. अब संस्थान सुपर स्पेशलिटी विभाग शुरू करने की दिशा में कदम बढ़ा रहा है. नये वर्ष में 4-5 विभागों में स्पेशलिटी शुरू करने की लक्ष्य होने की बात संचालक डॉ. विभा दत्ता ने कही. एम्स की अपनी खुद की इमारत होने के बाद से विकास को गति मिली है. 5 मंजिल की इमारत का कार्य लगभग पूरा हो गया है. अब जल्द ही पहली मंजिल में अलग-अलग 7 ओटी शुरू की जाएगी.
डॉ. दत्ता ने बताया कि न्यूरोसर्जरी, गेस्ट्रोएन्ट्रोलॉजी, गेस्ट्रोएंट्रो सर्जरी, रेडियोथेरेपी में सुपर स्पेशलिटी विभाग शुरू करने की योजना है. इससे बाद मरीजों को आधुनिक और बहेतरीन इलाज मिल सकेगा. साथ ही रिसर्च की दिशा में कदम बढ़ाया जा सकेगा. फिलहाल संस्था में स्नातकोत्तर की 34 सीटें हैं. जबकि स्नातक की सीटें बढ़ने वाली है. 125 की बजाय अब संस्था में 175 सीटें हो जाएगी. न्यूरोलॉजी विभाग भी शुरू करने की योजना है. यह विभाग भी जल्द ही संचालित हो जाएगा.
OPD में मरीजों की संख्या बढ़ेगी
संस्था में फिजिकल मेडिसिन पुनर्वास विभाग शुरू हो गया है. महात्मा ज्योतिबा फुले जनस्वास्थ्य योजना की भी सुविधा मिलने लगी है. स्पोर्ट्स एक्टिविटी भी डेवलप की गई है. संस्था में शहरी भाग के अलावा अन्य राज्यों से भी मरीज इलाज कराने आ रहे हैं. यहां आने वाले मरीजों को एक विश्वास होता है कि उनका बेहतर इलाज हो सकेगा. डॉक्टर्स, नर्स सहित अन्य स्टाफ की वजह से यह संभव भी हो रहा है. वर्तमान में संस्था की ओपीडी प्रतिदिन 900-1,000 तक पहुंच गई है. नये विभाग शुरू होने के बाद ओपीडी में मरीजों की संख्या भी बढ़ेगी.
पोस्ट मार्टम की भी सुविधा मिलेगी
लर्निंग रिसोर्स सेंटर शुरू किया गया है. लाइब्रेरी को आधुनिक रूप प्रदान किया गया है. पूरी तरह वातानुकूलित लाइब्रेरी में अनेक तरह की सुविधाएं उपलब्ध कराई गई है. फॉरेंसिक म्यूजियम भी शुरू हो गया है. नये वर्ष में पोस्ट मार्टम भी किये जा सकेंगे. कोरोना संकट में एम्स ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. अब जब कोरोना की तीसरी लहर की आहट है तो संस्था पूरी तरह तैयार है. वर्तमान में कोरोना के मरीज 70 से अधिक एम्स में भर्ती है.