नई दिल्ली: बाबरी मस्जिद को ढहाए जाने की साजिश में भाजपा नेता लाल कृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी समेत 13 नेताओं पर साजिश का मुकदमा चलाए जाने को सुप्रीम कोर्ट ने मंजूरी दे दी है। इसे लेकर सीबीआई ने इन सभी के खिलाफ आपराधिक साजिश का केस चलाने की अपील की थी। 25 साल पुराने इस मामले में इससे पहले 7 अप्रैल को कोर्ट ने मामले पर फैसला सुरक्षित रख लिया था।
इस फैसले के बाद रायबरेली में इन 13 नेताओं पर चल रहा मुकदमा अब लखनऊ ट्रांसफर कर किया जा रहा है। आपको बता दें कि बाबरी विध्वंस में कारसेवकों से जुड़ा एक मामला पहले ही लखनऊ की अदालत में चल रहा है, इसी के चलते रायबरेली में चल रहे इस मुकदमे को लखनऊ की सेशन अदालत में ट्रांसफर किया गया है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार, जब तक यह सुनवाई चलेगी, तब तक किसी जज का ट्रांसफर नहीं हो सकेगा।
सुप्रीम कोर्ट ने आदेश में फिलहाल कल्याण सिंह को शामिल नहीं किया है। इस केस में सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया है कि जब तक इस मामले के आरोपी कल्याण सिंह राजस्थान के गवर्नर के पद पर हैं, तब तक उन पर कोई केस दर्ज नहीं किया जाएगा। इस केस का ट्रायल दो सालों में पूरा किए जाना तय किया गया है।
पिछली सुनवाई में 1992 में बाबरी मस्जिद ढहाए जाने के मामले में CBI ने सुप्रीम कोर्ट में कहा था कि बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह, मुरली मनोहर जोशी और उमा भारती समेत 13 नेताओं के खिलाफ आपराधिक साजिश का ट्रायल चलना चाहिए। सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में कहा था कि इलाहाबाद हाईकोर्ट के साजिश की धारा को हटाने के फैसले को रद्द किया जाए।
सुप्रीम कोर्ट लाल कृष्ण आडवाणी, कल्याण सिंह, मुरली मनोहर जोशी, और बीजेपी, विहिप के अन्य नेताओं पर से आपराधिक साजिश रचने के आरोप हटाए जाने के मामले में सुप्रीम कोर्ट सुनवाई कर रहा है। इन अपीलों में इलाहाबाद हाईकोर्ट के 20 मई 2010 के आदेश को खारिज करने का आग्रह किया गया है। हाईकोर्ट ने विशेष अदालत के फैसले की पुष्टि करते हुए भारतीय दंड संहिता की धारा 120बी (आपराधिक साजिश) हटा दिया था।