नागपुर: मनपा में विकासकार्य के लिए जितने लालायित सभी को देखी गई, उतनी लालसा देखभाल मामले के लिए रत्तीभर न दिखना प्रशासन, पदाधिकारी की गुणवत्ता प्रदर्शित कर रही है. इसका ताज़ा उदहारण देखना हो तो मनपा मुख्यालय की पहली मंज़िल का एक चक्कर पूरा कर लें तो दूध का दूध व पानी का पानी हो जाएगा.
शहर विकास का दारोमदार संभालने वाली मनपा मुख्यालय की दशा-दिशा काफी दयनीय है. पुरानी इमारत में प्रशासन नहीं तो देखभाल बंद कर दिया गया है. प्रशासन अंतर्गत परिवहन विभाग, पूर्ण स्वास्थ्य विभाग व स्वास्थ्य विभाग सभापति कार्यालय पुरानी ईमारत के पहली मंजिल पर है. इनमें स्वास्थ्य विभाग हमेशा ही तलवार की धार पर रहता है इसलिए उनके अधिकारी-कर्मी सतह की खामियों की ओर जरा भी ध्यान नहीं देते. स्वास्थ्य विभाग समिति सभापति के मनमाफिक काम नहीं हो रहा, इसलिए वे खुद अस्वस्थ्य है. परिवहन विभाग प्रमुख इस ओर भटकते नहीं है. दिग्गज पदाधिकारियों का कार्यालय भी तल मंजिल पर होने से वे कभी ऊपर घूमकर मुआयना नहीं करते हैं.
आलम यह है कि पहली मंज़िल पर आवाजाही मार्ग की टाइल्स सालों पूर्व उखड़ गई है. जरा संभल के कोई न चले तो हाथ- पांव तुड़वा बैठेंगे. जबकि मनपा मुख्यालय मद्द देखभाल के लिए निर्मित की गई है, इस कोष की राशि से अधिकारी-पदाधिकारी के कक्षों का समय-समय पर खर्च किया जाता है.
उल्लेखनीय यह है कि मनपा में आखिर न्याय मांगे तो किससे, सभी के पास सिवा आश्वासन के और कुछ नहीं. अब तो कोई घटना ही पहली मंजिल की सतह की सुधार करवाएंगी. तब तक ‘ए भाई जरा देख कर चलो…..