नागपुर: स्वर्ण कोंकण संस्था के संस्थापक मुंबई के सतीश परब ने शनिवार को सिविल लाइन स्थित वसंतराव देशपांडे सभागृह में किसानों को खेती से जुड़े व्यवसायों को लेकर मार्गदर्शन किया. इस दौरान सभागृह में सैकड़ों की तादाद में युवा व्यवसायी और किसान मौजूद थे. परब ने कुक्कुटपालन, भेड़ पालन, चंदन के पेड़ लगाने, मशरूम की खेती, मछलीपालन करने के लिए किसानों को प्रेरित किया. विदर्भ में पारंपारिक खेती पर ज्यादा जोर दिया जाता है.
सोयाबीन, चना, कपास यहां नियमित फसल ली जाती है और ज्यादातर खेतियां मौसम के चलते बर्बाद हो जाती हैं. जिसके कारण किसानों को अन्य छोटे खेती से सम्बंधित व्यवसायों पर ध्यान देना चाहिए और अपना आर्थिक विकास करना चाहिए. परब ने कहा कि कुंए और छोटे तालाब में भी मछलीपालन शुरू कर सकते हैं. लेकिन हमें सरकार की मदद की आदत पड़ गई है. उन्होंने कहा कि अगर जो खेती कर रहा है और व्यवसाय करना चाहता है और वह सरकार के कर्ज के भरोसे व्यवसाय शुरू करना चाहता है तो वह व्यवसाय कभी भी नहीं कर पाएगा.
परब ने कहा कि 99 प्रतिशत सामान्य लोग ही आमीर बने हैं. उन्होंने बताया कि कुक्कुटपालन, भेड़ पालन, चंदन के पेड़ को लगाने, मशरूम की खेती, मछलीपालन इन सभी व्यवसायों से हजारों रुपए की महीने की आमदनी बढ़ाई जा सकती है. इस दौरान हॉल में ऐसे युवा भी आए थे, जो मशरूम, मधुमक्खी पालन का काम कर रहे हैं और उन्हें इन व्यवसायों से लाभ भी हुआ है. परब ने बताया कि इस व्यवसायों के लिए कम लागत की जरूरत होती है. जिसके कारण इसके लिए प्रशिक्षण की जरूरत होती है और आनेवाले कुछ दिनों में वे यहां प्रशिक्षण की शुरुआत भी नागपुर शहर में करेंगे. इससे यहां के किसानों के साथ ही युवाओं को भी रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे.