नागपुर: स्वयंम सामाजिक संगठन ने बीते दिनों विदर्भ के युवाओं के बीच एक सर्वे कराया। इस सर्वे का मकसद विदर्भ के युवाओं से रोजगार की संभावनाओ और उनकी दिलचस्पी के जानकारी एकत्रित करना था। संस्था के प्रमुख विशाल मुत्तेमवार के मुताबिक इस सर्वे के तहत विद्यार्थियों से 15 तरह के प्रश्न पूछे गए। सर्वे के लिए विदर्भ भर की प्राथमिक, माध्यमिक स्कूल और महाविद्यालयों में से 5000 विद्यार्थियों का मत जानकर सैम्पल सर्वे निकाला गया है। खास बात है इस सर्वे में 83 फीसदी युवाओं ने सरकारी नौकरी में दिलचस्पी दिखाई है। लेकिन उन्हें पता ही नहीं की ये नौकरी हासिल करने का सही मार्ग क्या है। सिर्फ 6 फीसदी युवा ही निजी क्षेत्र की तरफ अपना झुकाव रखता है जबकि 16 फीसदी अपना खुद का व्यवसाय करने में रूचि रखते है।
नक्ससलग्रस्त गढ़चिरोली जिले में करीब 54 फीसदी युवाओं को केंद सरकार की महत्वकांशी योजना स्किल इंडिया प्रोग्राम की जानकारी ही नहीं है।
सर्वे का सैम्पल एकत्रित करने के लिए जिन बातो का आधार चुना गया उसमे निम्नलिखित बाते प्रमुख थी
- किस क्षेत्र में करियर बनाया जाये ये कब तय किया
- करियर के चयन के लिए काउंसिल ली या नहीं
- बेहतर करियर के लिए सरकार की मदत पर्याप्त रूप में मिल रही है क्या
- करियर के चयन के लिए उपयुक्त क्षेत्र
- स्किल इंडिया प्रोग्राम की जानकारी है या नहीं
- एमआईडीसी में रोजगार के संबंध में कितनी जानकारी है
- कौन सी पढाई रोजगार की गारंटी देती है
- शिक्षा के हिसाब से राज्य सरकार द्वारा रोजगार की उपलब्धता
- राज्य सरकार की शिक्षा नीति पर समाधान है
- रोजगार के लिए सरकार की योजनाओ की जानकारी
- बीते दो वर्षो में रोजगार की संभावना बढ़ी या नहीं
- राज्य सरकार रोजगार निर्माण के लिए कौन से कदम उठाये
इस सभी मुद्दों पर विद्यार्थियों से उनका मत जाना गया जिसमे रोचक रुझान सामने आया। विदर्भ के पिछड़े पन को लेकर हर समय नए नए तर्क सामने आते रहते है। विदर्भ के पिछड़े पन की बड़ी वजह शिक्षित युवाओ के अवसरो की कमी और उचित मार्गदर्शन का न मिल पाना बड़ी वजह है। एक बार फिर स्वयंम सामाजिक संगठन के सर्वे में यही बात सामने आयी है। संगठन के प्रमुख विशाल मुत्तेमवार ने शिक्षा के क्षेत्र में राज्य सरकार को विफल बताते हुए। विदर्भ के विकास के लिए इस ओर ध्यान देने की माँग की है।