नागपुर: शहर में बढ़ते शहरीकरण के कारण बाहरी हिस्से में आउटर रिंग रोड का निर्माणकार्य किया जा रहा है. जिसके लिए जिला प्रशासन ने सरकार के अधीनवासी जमीन से मुरुम आदि उत्खनन के लिए रिंग रोड के निर्माता कंपनी को ठेका दिया. यह कंपनी अनुमति के कई गुणा अधिक खनिज सम्पदा का उत्खनन कर रही है. जिसकी नियमित जानकारी स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ता विवेक सिसोदिया द्वारा सम्बंधित जिला व खनन विभाग को दिए जाने के बाद भी कार्रवाई न होने से सरकारी राजस्व को रोजाना हज़ारों में नुकसान हो रहा है.
सिसोदिया के अनुसार जब रिंग रोड का अतापता नहीं था तब चक्की खापा में भोसला मिलिट्री स्कूल ने चारों तरफ अतिक्रमण कर रखा था. पिछले वर्ष जब आउटर रिंग रोड का निर्माणकार्य शुरू हुआ तो भोसला मिलिट्री स्कूल द्वारा मुख्य द्वार से लगकर कई एकड़ जगह जिसे खेल मैदान के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा था, उसका आधा से अधिक का हिस्सा आउटर रिंग रोड में चला गया. बिना खेल मैदान के कोई स्कूल का संचलन मुमकिन नहीं और स्कूल को मिलने वाला सरकारी अनुदान खतरे में भांप भोसला मिलिट्री स्कूल प्रबंधन ( गल्ली से लेकर दिल्ली तक इनके समर्थक पक्ष सत्ता में हैं ) ने आउट रिंग रोड के निर्माता राष्ट्रीय महामार्ग प्राधिकरण के साथ एक समझौता किया. प्राधिकरण के अंतर्गत आउटर रिंग रोड के निर्माता कंपनी को आउटर रिंग रोड निर्माण के लिए लगने वाली खनिज सम्पदा जैसे मुरुम, गिट्टी आदि का उत्खनन करने के लिए भोसला मिलिट्री स्कूल परिसर से लगी पहाड़ी के उत्खनन करने हेतु खसरा क्रमांक ६४/२ की अनुमति जिला प्रशासन से जिला खनन विभाग के मार्फ़त दिलाई गई.
इसी जगह के लिए जिला प्रशासन ने फरवरी २०१८ में ४००० ब्रास मुरुम के उत्खनन की अनुमति दी थी. सिसोदिया के अनुसार आउटर रिंग रोड के निर्माता कंपनी ‘एमईपी’ ४००० ब्रास से १० गुणा से अधिक का उत्खनन कर चुके थी. इसी दरम्यान सिसोदिया के आवाज उठाने से जिला खनन अधिकारी कडु लीपापोती कर लौट गए. इसके बाद इस खसरे से उत्खनन बंद हो गया था.
इसके बाद २६ अप्रैल २०१८ को पुनः आउटर रिंग रोड के निर्माणकार्य के लिए २५ मई २०१८ तक २१०० ब्रास मुरुम उत्खनन करने की अनुमति देना कई सवाल खड़े कर रहा है. जबकि आउटर रिंग रोड के लिए लगने वाली खनिज सम्पदा मुरुम आदि का शुरुआत में ही एक बार अंकेक्षण होना चाहिए कि कितनी जरूरत है. इस लिहाज़ से एक बार फिर उत्खनन की अनुमति देने से जिला प्रशासन की कार्यशैली पर शंका प्रकट नहीं होती.
सिसोदिया ने आशंका जताई है कि इस बार मिली अनुमति से आउटर रिंग रोड की ठेकेदार कंपनी ४० से ५० हज़ार ब्रास का उत्खनन करेगी. इसके पूर्व भी किए गए अवैध उत्खनन के बाद अन्य जगहों पर मुरुम का उपयोग किया गया था. कल से शुरू हुए उत्खनन से दिनभर में ३ ट्रकों से लगभग २१ ट्रिप मुरुम की ढुलाई( ३ ट्रक *७ ट्रिप*४ ब्रास ) की गई. जबकि ६ ब्रास प्रत्येक ट्रिप में ढुलाई जारी है और २ से ३ रॉयल्टी का उपयोग किया जा रहा हैं. आउटर रिंग रोड के निर्माता कंपनी ‘एमईपी’ खुद के ट्रकों से मुरुम आदि का परिवहन नहीं करती है. क्यूंकि प्रत्येक ट्रिप में अनुमति से अधिक मुरुम वह भी बिना रॉयल्टी के होती है. इस काम को निजी ट्रांसपोर्टर जो थाने आदि से समझौता कर परिवहन करते है, उन्हें सौंपी गई है.
उल्लेखनीय यह है कि राष्ट्रीय महामार्ग प्राधिकरण, जिला प्रशासन और जिला खनन अधिकारी आदि भोसला मिलिट्री स्कूल प्रबंधन पर इसलिए मेहरबान हैं क्यूंकि स्कूल सत्ताधारी दिग्गज नेता-मंत्री से सम्बंधित है. उक्त विभाग खसरा क्रमांक ६४/२ जो आज पहाड़ी दिखता है, उसे समतल कर भोसला मिउलिटरी स्कूल का आउटर रिंग रोड के चक्कर में खेल का मैदान गायब हो गया, जिसकी खानापूर्ति करेगा. प्राधिकरण के मूक-प्रदर्शन से आउटर रिंग रोड के ठेकेदार उक्त भोसला मिलिट्री स्कूल को समतल खेल का मैदान बना भी देंगे.