नागपुर. त्योहारों पर लंबी प्रतिक्षा सूची और यात्रियों की सुविधा के नाम पर रेलवे प्रशासन द्वारा कई स्पेशल ट्रेनों की घोषणा की जाती है और चलाई भी जाती है. पहले इन स्पेशल ट्रेनों में स्पेशल चार्ज के नाम पर सामान्य से थोड़ा अधिक किराया वसूला जाता था. लेकिन इस बार रेलवे द्वारा दिवाली और छठ पूजा के समय चलने वाली स्पेशल ट्रेनों में यात्रा करना यात्रियों के लिए अपनी जेब ज्यादा ढीली करने वाला साबित होने वाला है. प्राप्त जानकारी के अनुसार, अब स्पेशल ट्रेनों का यात्रियों को तत्काल के हिसाब से किराया चुकाना होगा.
हालांकि वे यात्री जिन्हें जनरल क्लास में सफर करना है, उनकी टिकट दर में कोई बढ़ोतरी नहीं की गई, लेकिन रिजर्वेशन क्लास में यात्रियों के लिए विशेष ट्रेन में रेलवे तत्काल का किराया वसूलेगा. इस तरह से न सिर्फ टिकट बुक कराने में ज्यादा पैसे देने होंगे, बल्कि किसी कारणवश उसे रद्द करना पड़ा तो उसमें ज्यादा नुकसान होगा. नियमानुसार तत्काल टिकट कन्फर्म हो या वेटिंग, इन्हें रद्द कराने पर किराया वापस नहीं किया जाता. ऐसे में स्पेशल ट्रेनों में तत्काल नियमों के आधार पर आरक्षित टिकटों को कैंसिल करने पर भी यात्रियों का अधिक नुकसान होना तय है.
एक ओर रेलवे प्रशासन ने स्पेशल ट्रेनों में तत्काल फेयर सिस्टम लागू कर दिया, लेकिन अपनी लेटलतीफी और खराब बोगियों संबंधी अव्यवस्था में कोई बदलाव नहीं किया है. देखने में आया है कि स्पेशल चार्ज के नाम पर अधिक किराया खर्च करने के बाद भी विशेष ट्रेनों की लेटलतीफी को लेकर यात्रियों की शिकायत रहती है. नियमित ट्रेनों को वरीयता देने के कारण विशेष ट्रेनें घंटों देरी से चलती हैं. वहीं, इन ट्रेनों में पेंट्रीकार न होने से यात्रियों की परेशानी और बढ़ जाती है. कई बार कोच की स्थिति भी बहुत अच्छी नहीं होती है.