नागपुर: पेट्रोलियम पदार्थ पर जीएसटी लगाए जाने को लेकर अब तक कोई ठोस फैसला नहीं हो पाया है। पेट्रोलियम पदार्थों की दर विभिन्न राज्यों में अलग-अलग है राज्य सरकारें अपने हिसाब से इसमें टैक्स लगाती है। इसलिए माँग है की पेट्रोलियम पदार्थो को जीएसटी के दायरे में लाया जाए। राज्य के वित्तमंत्री सुधीर मुनगंटीवार के मुताबिक पेट्रोलियम पदार्थ जीएसटी के दायरे में आये या न आये इसे लेकर जीएसटी काउंसिल में चर्चा होगी।
काउंसिल में देश के 31 राज्यों के वित्तमंत्री शामिल है वह इस पर अपनी बात रखेंगे। राज्यों ने आकस्मिक कर और आपदा के समय सहूलियत के लिए पेट्रोलियम पदार्थ पर टैक्स लगाने की स्वायत्तता दिए जाने की माँग की है पर इस पर कोई अंतिम फैसला काउंसिल की बैठक में ही होगा। देश भर में सामान टैक्स प्रणाली हो इसके लिए काउंसिल प्रयत्नशील है। शराब हो या पेट्रोल सब जीएसटी में शामिल हो इस पर सभी राज्य का एकमत है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्तमंत्री अरुण जेटली द्वारा राज्यों से की गई अपील को देखते हुए आर्थिक नुकसान सह कर राज्य सरकार ने पेट्रोल पर दो रूपए सेज कम किया है। जिन चार राज्यों ने यह फैसला लिया है उसमे गुजरात के बाद महाराष्ट्र ने सबसे ज्यादा वैट कम किया है।