नागपुर: त्यौहारों का मौसम शुरू हो गया है. लेकिन इस बार गणेशोत्सव मनाने वालों को अच्छी खासी जेब ढीली करनी पडेगी. दमकल विभाग की एनओसी प्राप्त करने के लिए दमकल कर्मी संबंधित स्थल का मुआयना करेंगे. इसके लिए 2500 रुपए निरीक्षण शुल्क निर्धारित किया गया है. जबकि दिवाली के दौरान लगाए जाने वाले अस्थायी पटाखा दुकानों के लिए स्थल निरीक्षण शुल्क 500 रुपए ही है. इतना अंतर होने पर सार्वजनिक गणेशोत्सव मंडलों में असंतोष बढने लगा है.
गणेशोत्सव के बाद शारदा उत्सव, नवरात्र महोत्सव आदि का आयोजन होने वाला है. ऐसा न हो जाए कि आने वाले उत्सवों के दौरान लगाए जाने वाले कडे नियम कानून सत्तापक्ष की कुर्सी हिला दें.
खासबात यह है कि गणेशोत्सव मंडल को एक पंडाल स्थापित करने के लिए विविध प्रकार के शुल्क देने होंगे. ऐसे में एक मंडल पर 8 से 10 हजार रुपए का आर्थिक बोझ बढना तय है. पंडाल के संभावित स्थल का मुआयना करने का खर्च दमकल विभाग 2500 रुपए लेगी. उसके अलावा दमकल शुल्क 5 रुपए प्रति वर्ग फुट के आधार पर लगेगा. स्टॉम्प पेपर पर गारंटीपत्र लिखकर देना है. इसके अलावा सिक्युरिटी डिपॉजिट भी लगेगा. बिजली और पानी का शुल्क अलग से देना होगा.
जबकि पटाखा दुकान का स्थल मुआयना शुल्क 500 रुपए है. स्थानीय पुलिस थाने में 1000 रुपए शुल्क भरकर अस्थायी पटाखा दुकान लगाया जा सकता है. इसका मतलब 1500 रुपए में पटाखा दुकान की अनुमति मिल जाती है. नए नियमों को लेकर हल दल के पार्षदों व नेताओं में असंतोष निर्माण होने लगा है. यह मामला आगामी मनपा सभा में विपक्ष का मुद्दा भी बन सकता है.
निरीक्षण शुल्क माफ हो
भाजपा के वरिष्ठ पार्षद प्रकाश तोतवानी ने कहा कि महोत्सव साल में एक र्मतबा आते हैं. लेकिन एनओसी, प्रमाणपत्र के अलावा तरह-तरह के शुल्क की वसूली हो रही है. ऐसे में महोत्सव का दायरा सीमित होने का डर है. आस्था पर आर्थिक बोझ बढता ही जा रहा है. धार्मिक स्थल के लिए दमकल का निरीक्षण शुल्क 2500 रुपए निर्धारित किया गया है. यह अनुचित है. निरीक्षण शुल्क माफ होना चाहिए.