Published On : Thu, May 17th, 2018

प्लास्टिक पाबंदी के डेढ़ महीने बाद भी नागरिकों में जनजागृति करने की सरकार और प्रशासन को नहीं मिल रही फुर्सत

Advertisement

Plastic-Ban

नागपुर: करीब डेढ़ महीने पहले राज्य सरकार ने प्लास्टिक थैलियों और थर्माकोल की वस्तुओं पर पाबंदी लगाई थी. प्लास्टिक थैलियों और थर्माकोल के विक्रेताओं को कुछ महीने का समय दिया गया है. जिससे वे अपना माल बेच सके या फिर नष्ट कर सकें. लेकिन जब इन वस्तुओं पर पाबंदी लगाई गई थी, तब कई सामाजिक संस्थाओं ने आगे आकर प्लास्टिक के विकल्प के तौर पर कागज की थैलियों का उपयोग करने की सलाह दी थी. लेकिन अब डेढ़ महीने बाद किसी भी तरह की जागरुकता न तो सामाजिक संस्थाओं में दिखाई दे रहा है, न सरकार में, न प्रशासन में और न ही नागपुर महानगर पालिका में.

पिछले डेढ़ महीने से प्रशासन और सरकार पूरी तरह से मौन है. शहर में प्लास्टिक बंद होने के बाद किस तरह से दूसरे विकल्प का उपयोग किया जाए. शहर के नागरिकों में जागरूकता के लिए भी सरकार गंभीर नहीं है ऐसा दिखाई दे रहा है. जिसके कारण जब सरकार द्वारा दिया गया अल्टीमेटम समाप्त होगा. तब सीधे तौर पर कार्रवाई से ही प्रशासन मतलब रखेगा ऐसा चित्र अभी से दिखाई देने लगा है.

Gold Rate
Wednesday 12 March 2025
Gold 24 KT 86,400 /-
Gold 22 KT 80,400 /-
Silver / Kg 98,300 /-
Platinum 44,000 /-
Recommended rate for Nagpur sarafa Making charges minimum 13% and above

जब प्लास्टिक और थर्माकोल पर पाबंदी लगाई गई थी, तो इस फैसले का कई सामाजिक संगठनों ने समर्थन किया था. लेकिन पाबंदी के बाद जो परिस्थिति शहर में निर्माण होगी. उसके लिए क्या विकल्प होगा. इसपर कुछ संस्थाओं ने आगे आकर प्रसिद्धि के लिए फोटो खींचकर कागज को इसका विकल्प बताया था. लेकिन अब डेढ़ महीने बाद किसी भी तरह की कोई भी जनजागृति उपक्रम प्लास्टिक थैलियों और थर्माकोल को लेकर नहीं दिखाई दे रही है.

शहर में ज्यादातर जगहों पर यह भी देखने में आ रहा है कि अभी भी शहर के नागरिकों का मोह प्लास्टिक की थैलियों से नहीं छूटा है. जिसके कारण शहर के नागरिकों में इसकी जागरुकता काफी जरूरी हो जाती है. नागरिक जब सोचेंगे और पहल करेंगे तभी यह अभियान सफल हो सकता है. लेकिन इसके लिए भी सरकार और प्रशासन किसी तरह की कोई पहल करता हुआ नजर नहीं आ रहा है.

Advertisement