– फर्जी दस्तावेजों के आधार पर जिले के तालाब हथिया रहे माफिया
नागपुर – राज्य सरकार खेती-किसानी के अलावा अन्य व्यवसाय को बढ़ावा देकर नागरिकों को आर्थिक मजबूती देने की कोशिश कर रही। इस क्रम में मछली पालन व्यवसाय को सरकार द्वारा बढ़ावा के साथ सहयोग और अनुदान भी दिया जा रहा। लेकिन इस व्यवसाय के अनुदान का लाभ हथियाने के फ़िराक में जिले के उंगलियों पर गिनने लायक माफिया सक्रीय हैं.संबंधित विभाग के अधिकारियों से मिलीभगत कर न सिर्फ तालाब हथिया रहे,बल्कि सरकार अनुदान का लाभ भी अपने हिस्से करने के उद्देश्य से फर्जी दस्तावेज तैयार कर सक्रीय हैं.
याद रहे कि जिले में छोटे-बड़े के दर्जनों तालाब व डैम है।इनमें से बड़े-बड़े तालाब/डैम पर एक ही गुट तथाकथित माफिया का कब्जा है।इस गुट के नेतृत्वकर्ता विवादास्पद तो हैं ही,डैम को दिलवाने वाले जिले के सफेदपोश जो तय प्रतिशत के भागीदार हैं,इस व्यवसाय में लगने वाले निधि के लिए एक-एक वित्तीय पार्टनर भी रखे गए हैं.
यह माफिया प्रत्येक तालाब/डैम में अलग अलग संस्था/सोसाइटी बनाकर हथियाते जा रहा।नियमानुसार प्रत्येक संस्था में सामान्य/ओबीसी/एससी/एस टी/महिला आदि की भागीदारी वाली संस्था को ही तालाब/डैम देने का नियम है। लेकिन उक्त नेतृत्वकर्ता माफिया नियम को दरकिनार कर फर्जी/पुराने कागजातों के आधार पर तालाब/डैम लीज पर लेते जा रहा।यह कारनामा वर्षो से सतत जारी हैं. इतना ही नहीं जब नैसर्गिक आपत्ति आती है तो संस्था के फर्जी सदस्यों की आड़ में नुकसान भरपाई के नाम पर राज्य सरकार को चुना लगा रहा।
प्राप्त जानकारी के अनुसार संस्था में सदस्य दर्शाये गए,जो एक ही परिवार के अलग-अलग उपनाम वाले हैं.
उक्त नेतृत्वकर्ता माफिया संस्था में शामिल किए या रखे सदस्यों को मुनाफा देने के नाम पर शारीरिक शोषण भी करने की खबर मिली है।जल्द ही उक्त समस्या की गंभीरता और धांधली पर रोक तथा ठोस कार्रवाई के संदर्भ में मोदी फाउंडेशन के अध्यक्ष महेश दयावान संबंधित विभाग के मुखिया से मिलेंगे।
एमओडीआई फाउंडेशन के अध्यक्ष महेश दयावान ने बताया कि समय रहते सम्बंधित विभाग/अधिकारी ने उक्त मामले को गंभीरता से नहीं लिया तो वे न्याय हेतु न्यायालय की शरण में जाएंगे,जिससे होने वाले नुकसान के जिम्मेदार सम्बंधित विभाग और उसके सम्बंधित अधिकारी वर्ग की होगी।