नागपुर. वर्धा जिले की 315 ग्राम पंचायतों के चुनाव एक समय सीमा के भीतर घोषित करने की मांग को लेकर वर्धा जिला सरपंच संगठन की ओर से हाई कोर्ट में रिट याचिका दायर की गई. याचिका पर सुनवाई के बाद हाई कोर्ट ने 30 दिनों के भीतर चुनावी कार्यक्रम तैयार करने के आदेश चुनाव आयुक्त को दिए. याचिकाकर्ता की ओर से जिन ग्राम पंचायतों का कार्यकाल खत्म हुआ, उनकी सूची भी कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत की. जिसमें बताया गया कि 315 ग्राम पंचायतों का कार्यकाल खत्म होने के कारण ग्राम पंचायतों के अधिकार क्षेत्र में होनेवाले विकास कार्यों पर इसका विपरित असर पड़ रहा है. लोगों के समस्या का सुनवाई नहीं हो रही है. जबकि जनप्रतिनिधि अधिकारों के बिना किसी तरह से शिकायतों का निपटारा नहीं कर पा रहे हैं.
दोनों पक्षों की दलिलों के बाद हाई कोर्ट ने कहा कि यह विवाद में नहीं है कि इन ग्राम पंचायतों का कार्यकाल समाप्त हो गया है और इसलिए इन ग्राम पंचायतों में चुनाव कराना आवश्यक है. हालांकि, चुनाव कराने से पहले सरपंच के पद के लिए आरक्षण निर्धारित करना होगा. यह अभ्यास पूरे राज्य के लिए किया जाना है, जो कि 5 मार्च 2025 को जारी अधिसूचना द्वारा किया गया है. अब प्रत्येक जिले के संबंधित कलेक्टरों को प्रत्येक ग्राम पंचायत के लिए सरपंच के पद के लिए आरक्षण निर्धारित करना है. सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से पैरवी कर रहे वकील ने कहा कि इसे 25 अप्रैल 2025 तक निर्धारित किया जाएगा और चुनाव आयोग को भेजा जाएगा.
चुनाव आयुक्त की ओर से पैरवी कर रहे अधि. कुकडे ने कहा कि संबंधित कलेक्टरों से आरक्षण प्राप्त होने के बाद चुनाव कार्यक्रम चुनाव आयुक्त द्वारा तीस दिनों की अवधि के भीतर तैयार और प्रकाशित किया जाएगा. गत सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से बताया गया था कि 20 दिनों की अवधि के भीतर वर्धा जिले में सरपंच पद के लिए आरक्षण को कलेक्टर वर्धा द्वारा अंतिम रूप दिया जाएगा. जबकि चुनाव आयुक्त की ओर से पैरवी कर रहे अधि. कुकड़े का मानना था कि चूंकि चुनाव पूरे राज्य में एक साथ होने हैं, इसलिए सरपंच पद के लिए आरक्षण का निर्धारण संबंधित कलेक्टरों द्वारा चुनाव कार्यक्रम घोषित किए जाने से पहले किया जाना चाहिए.