Published On : Fri, Jan 5th, 2018

शिवसेना का एकाधिकार तोड़ नए ‘मुंबई बंद सम्राट’ बने प्रकाश आंबेडकर

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Prakash Ambedkar
मुंबई: भीमा-कोरेगांव हिंसा के बाद मुंबई बंद कराने की वजह से संविधान निर्माता भीम राव आंबेडकर के नाती और भरिप बहुजन महासंघ के नेता प्रकाश आंबेडकर सुर्खियों में आ गए हैं। मुंबई बंद कराने पर शिवसेना का एकाधिकार समझा जाता था, लेकिन प्रकाश अब नए ‘बंद सम्राट’ के तौर पर उभरे हैं।

मुंबई बंद के बारे में आंबेडकर ने कहा, ‘यह तो मराठी मानुस की तरफ से स्वाभाविक प्रतिक्रिया मात्र थी। विशेष तौर पर पिछड़े समुदाय के लोग खुद को उपेक्षित समझते थे और उन्हें शहर के तथाकथित विकास में शामिल नहीं किया गया था। बंद का असर भी कुंभरवडा, धारावी और सिऑन में पूरी तरह से दिखा, जहां ऐसे लोग ज्यादा रहते हैं। शिवसेना का आधार कोंकण एरिया में कुनबिस और भंडारी समुदायों के बीच ही केवल था। दलितों की पीड़ा भी नई नहीं है।’

प्रकाश ने आरएसएस और अन्य दक्षिणपंथी संगठनों पर निशाना साधते हुए कहा, ‘हमारा समाज पहले ही जाति के आधार पर बंटा हुआ है। कुछ संगठन अपने लाभ के लिए इसे और भी भड़का रहे हैं। वे राजनीतिक तौर पर अपना वर्चस्व बनाए रखने के लिए यह सब कर रहे हैं और भीमा-कोरेगांव की हिंसा भी इसी की एक झलक है। ये संगठन भारत को पाकिस्तान जैसा ही बना देना चाहते हैं।’

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संविधान में विश्वास रखने वाले भीमराव आंबेडकर से बिल्कुल अलग हिंसा का रास्ता अपनाने के बारे में प्रकाश ने कहा, ‘अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता अभी तक संहिताबद्ध नहीं है। ऐसे में हर एक तरीका न्यायसंगत है। इसलिए मुझे लगता है कि बंद का यह तरीका खुद को व्यक्त करने का तर्कसंगत माध्यम है।’

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