इतने चेक पोस्ट को पार कर आखिर कैसे जंगल में घुस जाते है वाहन के साथ वन तस्कर?
गोंदिया। प्रचुर वनसंपदा से घिरे गोंदिया जिले के घने जंगलों में बड़े पैमाने पर बेशकीमती सागवान के झाड़ है किन्तु वन अधिकारियों की आखों में धूल झोंक कर रात के अंधरे में जनरेटर पर चलने वाली आरी ब्लेड लेकर कई लकड़ा तस्कर, वाहनों के साथ घने जंगलों में प्रवेश कर जाते है तथा बहुमुल्य सागौन के पेड़ काटकर उसकी अवैध तस्करी की जाती है।
घटना 6 अगस्त को सालेकसा तहसील के कचारगढ़ क्षेत्र से लगे कक्ष क्र. 447 व 448 में उजागर हुई। रात के वक्त गश्त में जुटे वनपरिक्षेत्राधिकारी एस. एच. पिंजारी (एफडीसीएम सालेकसा) व उनके अधिनस्थ कर्मचारी तथा वनरक्षक सी.वी ढोमने, ए.एन. घोडेस्वार, के.जी. सुर्यवंशी, पी.एम. हुमने, आर.वी. तुपटे, पी.पी. कटरे की टीम सामुहिक रूप से जंगल परिसर में जिप्सी तथा मोटर साइकिल से गश्त कर रहे थे इसी दौरान मोटर साइकिल की आवाज और लाइट देखकर एंव हलचल भांपते ही अज्ञात वनतस्कर रात के अंधेरे का लाभ उठाकर अपना अस्तित्व छुपाते हुए घने जंगल में फरार हो गए।
जब वनाधिकारियों ने टाटा 407 मालवाहक मेटाडोर गाड़ी क्र. एम.एच. 40/वाय. 4899 की तलाशी ली तो उसमें 10 बड़े कटे हुए सागवान के झाड़ (1.072 घनमीटर) बेशकीमती सागवान बरामद हुआ।
वनाधिकारियों ने जंगल के भीतर अनाधिकृत रूप से दाखिल होकर सागवान के लठ्ठे एंव चिरान ले जाने में जुटी गाड़ी का जब्ती पंचनामा तैयार किया तथा स्थानिक ड्राइवर की मदद से इस सागवान लदे वाहन को सालेकसा वन कार्यालय लाया और गाड़ी जब्ती बाबद सालेकसा पुलिस स्टेशन में वनपरिक्षेत्राधिकारी (एफडीसीएम लि. सालेकसा) द्वारा रिपोर्ट दर्ज करायी गई है।
अब इस प्रकरण के संदर्भ में गोंदिया वनविभाग का उड़न दस्ता तथा वनपरिक्षेत्राधिकारी फरार वन तस्करों की तलाश में जुटे है। प्रकरण की जांच जारी है।
…रवि आर्य