Published On : Fri, Mar 30th, 2018

एनजीओ को टेंडर न देकर मनपा ने खुद ही शुरू किया श्वानों की नसबंदी अभियान

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नागपुर: नागपुर महानगर पालिका की ओर से फिर एक बार श्वानों की नसबंदी की मुहीम चलाई गई है. इसी हफ्ते के सोमवार से भांडेवाडी के एनिमल शेल्टर होम में रोजाना श्वानों की नसबंदी की जा रही है. रोजाना सात श्वानों की नसबंदी यहां पर की जा रही है. अब तक 22 श्वानों की नसबंदी की जा चुकी है. कुछ महीने पहले गिट्टीखदान के एसपीसीए में श्वानों के लिए (एनिमल बर्थ कण्ट्रोल ) एबीसी अभियान चलाया गया था. इसमें अनियमित्ता की शिकायत की गई थी. जिसके बाद नसबंदी को बंद कर दिया गया था. श्वानों की नसबंदी को लेकर मनपा और एनजीओं में काफी खींचतान के बाद आखिरकार मनपा ने यह निर्णय लिया कि वे खुद ही डॉक्टर नियुक्त कर नसबंदी अभियान चलाएंगे. शहर में बढ़ती हुई श्वानों की संख्या पर नियंत्रण के लिए श्वानों की एबीसी ही एकमात्र विकल्प है.

शहर में इन दिनों श्वानों के साथ हिंसा और उन्हें जान से मारे जाने की घटनाओं के मद्देनजर भी यह अभियान शहर के लिए काफी कारागार साबित हो सकता है. बशर्तें इस अभियान में किसी भी तरह की लापरवाही न हो. श्वानों की नसबंदी करने के बाद उन्हें करीब 3 दिनों तक डॉक्टर की देखरेख में रखा जाना होता है और उसके ठीक होने के बाद जिस जगह से उसे उठाया गया था उसे उसी जगह पर छोड़ना होता है. यह नियम है. हालांकि फिलहाल एक ही जगह पर नसबंदी करने के कारण शहर के अन्य भाग जैसे गिट्टीखदान, इंदोरा, समेत उत्तर नागपुर, पश्चिम नागपुर के लावारिस श्वानों को पकड़कर उन्हें भांडेवाड़ी लाना और उनकी नसबंदी करना काफी मुश्किल साबित हो सकता है. क्योंकि इससे कई श्वानों के छूटने की आशंका भी है. लेकिन मनपा की ओर से दावा किया गया है कि नसबंदी मुहीम अब हमेशा के लिए चलेगी. शहर की पशु कल्याण संगठनों ने उम्मीद जताई है कि इस बार मनपा का यह अभियान सफल होगा.

इस बारे में मनपा के पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. गजेंद्र महल्ले ने बताया कि मनपा ने खुद ही श्वानों की नसबंदी करने का निर्णय लिया है. हमेशा के लिए यह चलेगा और दो सेंटर शुरू करनेवाले हैं. जब तक श्वानों की आबादी पर नियंत्रण नहीं होता. तब तक यह मुहीम चलेगी. महल्ले ने जानकारी देते हुए बताया कि रेलवे स्टेशन, बस स्टॉप, एयरपोर्ट जहाँपर लोग ज्यादा होते है. वहां के श्वानों की पहले नसबंदी की जाएगी. एनजीओं को टेंडर नहीं देने और खुद ही मनपा की ओर से इस मुहीम के अंतर्गत नसबंदी करने का निर्णय लिया गया है. नसबंदी के लिए 3 डॉक्टर नियुक्त किए गए हैं. कुछ लोगों के ऐतराज जताने के बाद मनपा ने खुद श्वानों की नसबंदी का निर्णय लिया है.

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मानद पशु कल्याण अधिकारी करिश्मा गिलानी ने खुद ही श्वानों की नसबंदी करने के मनपा द्वारा लिए गए निर्णय की सराहना की है. गिलानी ने बताया कि वह हमारे डेपुटेशन पर ही शुरू किया गया है. हमने मनपा आयुक्त से कहा था कि एनजीओ पर निर्भर न रहे. एनजीओ मुनाफा कमानेवाली संस्थाए हैं. कम पैसों में नसबंदी करते हैं. इसमें श्वानों की देखभाल भी नहीं की जाती. महल्ले डॉक्टर काफी श्वानों की नसबंदी कर चुके हैं. उन्हें अच्छा ख़ासा अनुभव भी है. यही चर्चा हमने केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी से भी की तब मेनका जी ने मनपा आयुक्त से फ़ोन पर चर्चा की. गिलानी ने मनपा के इस नसबंदी अभियान की सराहना की है. शांतिनगर में हुई श्वानों की हत्या को लेकर उनका कहना है कि उनकी संस्था के वकील यह केस लड़ेंगे और आरोपियों को ज्यादा से ज्यादा सजा मिले यह कोशिश करेंगे.

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