Published On : Tue, Mar 2nd, 2021

मुंबई पॉवरग्रिड फैलियर में चीन द्वारा साइबर अटैक की बात पूरी तरह झूठ : पूर्व मंत्री बावनकुले

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नागपुर– मुंबई में हुए पॉवरग्रिड फैलियर के लिए चीन द्वारा साइबर अटैक करने की वजह को राज्य के पूर्व ऊर्जामंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने झूठ बताया है. उन्होंने मंगलवार 2 मार्च को प्रेस क्लब में पत्रकारों को जानकारी देते हुए बताया की इसमें चीन के साइबर अटैक का हाथ नहीं है, यह पूरी तरह से प्रशासन और सरकार की लापरवाही के कारण हुआ है.

बावनकुले ने महाविकास आघाडी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा है की अपनी नाकामी छुपाने के लिए सरकार ने चीन के साइबर अटैक का नाम लिया है. उन्होंने कहा की जिस तरह से इस मामले में दूसरे देश का नाम लिया गया है, इसके लिए राज्य सरकार ने किसी भी तरह से केंद्र सरकार से या फिर इंटेलीजिएंस के साथ संपर्क नहीं किया है. एक आईपीएस अधिकारी की रिपोर्ट पर इसको चीन के साइबर अटैक का नाम दिया गया है. उन्होंने कहा की यह पूरी तरह महाराष्ट्र की जनता को धोखा देना है और राज्य की जनता से इस मामले में झूठ बोला जा रहा है.

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उन्होंने कहा की एक न्यूज़ पर एक आईपीएस द्वारा रिपोर्ट तैयार की गई. लेकिन आईपीएस ने इस मामले में गृहमंत्रालय से खोजखबर नहीं ली. इसी के आधार पर दोनों मंत्रियो ने पत्र परिषद् भी ली. अधिवेशन के समय अपनी असफलता को छुपाने के लिए इस मामले को भटकाया जा रहा है. एमईआरसी ने इस घटना को लेकर कमेटी तैयार की है. मुंबई में बिजली की 2 लाइन ब्रेकडाउन हुई थी, वो क्या साइबर अटैक से हुई थी क्या, ऐसा सवाल भी उन्होंने सरकार से किया है. उन्होंने कहा की जब तीसरी और चौथी लाइन पर लोड आया तो पॉवरग्रिड फेल हुआ. यहां मैन्युअली काम होता है, हम अभी इसमें इतने आधुनिक नहीं है की इसपर साइबर अटैक हो सके.

याद रहे कि 12 अक्टूबर 2020 की सुबह मुंबई में अचानक से बिजली सप्लाई बंद होने से हड़कंप मच गया था. मुंबई के अस्पतालों में वेंटिलेटर्स को चलाने के लिए इमरजेंसी जेनरेटर चलाना पड़ा था और स्टॉक मार्केट बंद हो गए थे. यह कई दशकों में सबसे बड़ा पावर आउटेज था. हालांकि, 2 घंटे की मशक्कत के बाद फिर से पावर सप्लाई शुरू हो गया था.

इस पर ऊर्जामंत्री डॉ. नितिन राऊत और गृहमंत्री अनिल देशमुख ने पत्र परिषद् का आयोजन कर जानकारी दी थी कि पॉवर ग्रिड फेलियर में चाइना का हाथ है. चाइना की तरफ से साइबर अटैक हुआ. उन्होंने कहा था कि यह बात पूरी तरह सच है. इसी के विरोध में पूर्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले पत्रकारों से चर्चा की.

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