नागपुर: नागपुर महानगरपालिका पिछले कुछ वर्षों से शहर परिवहन सेवा का भार अपने कंधों पर लिए ढो रही हैं. इसके सफल संचलन की जिम्मेदारी संभालने के लिए राज्य परिवहन मंडल से एक अधिकारी को पदोन्नत देकर मनपा परिवहन विभाग का प्रमुख बनाया गया. लेकिन वे जिम्मेदारी का निष्ठा से वहन करने के बजाय एक ठेकेदार कंपनी से साठगांठ कर अन्य ठेकेदारों पर न सिर्फ रौब जमा रहा बल्कि उन्हें परेशान करने हेतु हमेशा मौका ढूंढता रहता हैं. वहीं दूसरी ओर परिवहन सभापति के निर्देशों का पालन न करते हुए मनपा में असंतोष का निर्माण किया. इससे सर्वपक्षीय नगरसेवक छुब्ध हुए और आज आमसभा में संयुक्त रूप से भड़ास निकाल परिवहन व्यवस्थापक को निलंबित करने की मांग की. उपरांत सत्तापक्ष के सिफारिश पर महापौर नन्दा जिचकर ने निर्देश दिए कि परिवहन व्यवस्थापक शिवाजी जगताप मामले की जांच मनपा के अतिरिक्त निगमायुक्त करेंगे और उसकी रिपोर्ट अगली सभा में पेश करेंगे. इतना ही नहीं महापौर ने यह भी निर्देश दिए कि जाँच में दोषी पाए जाने पर कानूनन कार्रवाई करें.
ज्ञात हो कि परिवहन व्यवस्थापक शिवाजी जगताप परिवहन विभाग में एकतरफा निर्णय ले रहे थे. उन्होंने सभापति कक्ष सह परिवहन विभाग में मुखभीर छोड़ रखे हैं. परिवहन समिति को नज़रअंदाज कर सौंपी गई जिम्मेदारी कोसों दूर हैं. शहर बस संचलन का जिम्मा डिम्ट्स को दिया गया, लेकिन उनसे पूर्ण प्रकल्प का बैंक गैरेंटी नहीं लिया गया और मासिक भुगतान पूर्ण प्रकल्प का किया जा रहा हैं.
जगताप पर करोड़ों की ईटीएम मशीन पदाधिकारियों को नज़रअंदाज कर खरीदने और लाखों के कैशकार्ड घोटाले में लिप्त होने का आरोप लगाया गया. अबतक हुए ३ दफे हड़ताल से शहर के आम यात्रियों को हुए नुकसान का जिम्मेदार भी ठहराया गया.
विपक्ष नेता तानाजी वनवे ने तो शीतकालीन सत्र के दौरान डिम्ट्स के प्रकल्प कार्यालय में प्रकल्प प्रमुख अमित हितकरी के समक्ष एक मीडिया कर्मी के साथ जगताप द्वारा किये गए दुर्व्यवहार को सभागृह में रख जगताप पर कार्रवाई की मांग की.
आज की आमसभा में बंटी शेलके, प्रफ्फुल गुरधे पाटिल, बाल्या बोरकर, प्रवीण भिसीकार, नितिन साठवणे, प्रवीण दटके, मनोज सांगोले, कमलेश चौधरी के सवालों पर जगताप संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए. अंत में सत्तापक्ष नेता संदीप जोशी से उक्त सभी पक्ष-विपक्ष के नगरसेवकों के सवालों की गंभीरता को देखते हुए उन्होंने सभापति बंटी कुकड़े के ४७ पत्रों का जवाब न देने का आरोप लगाते हुए मनपा अतिरिक्त आयुक्त स्तर पर जगताप प्रकरण की जाँच की मांग की. जिसे सहमति प्रदान करते हुए महापौर ने प्रशासन को जाँच के निर्देश दिए और अगली सभा में रिपोर्ट पेश करने के आदेश दिए.
उल्लेखनीय यह हैं कि जगताप को गुरुवार को ही अपने ऊपर आने वाली आफत का आभास हो गया था, इसलिए कल शुक्रवार को उन्होंने आज की बड़ी कार्रवाई को लंबित जरूर करवा लिये. सवाल यह भी हैं कि सभागृह में चौतरफा पुख्ता हमले के बाद सत्तापक्ष द्वारा जगताप पर कड़क कार्रवाई की बजाए टाल देना समझ से परे हैं.