महाराष्ट्र में मध्यावधि चुनाव की आहट दिखाई देने लगी है। शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे और एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार की मुलाकात से इस तरह की अटकलें शुरू हुई हैं। यह मुलाकात करीब दस दिन पहले पवार के आवास पर हुई थी।
शरद पवार ने खुद इस मुलाकात की पुष्टि की है। पहले बीजेपी सरकार को समर्थन देने की बात करने वाले शरद पवार की भाषा भी अब बदल गई है। उन्होंने कहा है कि यदि शिवसेना सरकार से बाहर होती है तो एनसीपी फडणवीस सरकार को समर्थन नहीं देगी।
शरद पवार ने कहा कि शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे और शिवसेना प्रवक्ता व सांसद संजय राउत मुझसे मिलने आए थे। इस मुलाकात में राज्य की वर्तमान राजनीतिक स्थिति पर चर्चा हुई। सूत्रों का कहना है कि नारायण राणे का मंत्रिमंडल में प्रवेश न हो, इसके लिए शिवसेना भाजपा पर लगातार दबाव बना रही है।
लेकिन, शिवसेना के विरोध को दरकिनार कर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने राणे को मंत्रिमंडल में शामिल करने की तैयारी शुरू की है। सूत्रों के मुताबिक इस मुलाकात में उद्धव ने पवार से सीधा सवाल किया कि शिवसेना सरकार से बाहर हुई तो एनसीपी की क्या भूमिका होगी।
भाजपा विरोध के लिए उद्धव ने तोड़ी परंपरा:
इस पर पवार ने कहा कि 2014 में चुनाव के बाद लोगों में भ्रम की स्थिति पैदा न हो, इसलिए हमने भाजपा को समर्थन देने की घोषणा की थी, लेकिन अब स्थिति बदल गई है। यदि शिवसेना सरकार से बाहर होती है तो हम भाजपा का समर्थन नहीं करेंगे।
दिवंगत शिवसेना प्रमुख बाल ठाकरे कभी किसी से मिलने मातोश्री से बाहर नहीं गए। लेकिन, उनके बेटे उद्धव ठाकरे ने इस परंपरा को तोड़ते हुए पांच सितारा होटलों में दूसरे दल के नेताओं से मुलाकात का सिलसिला शुरू किया है।
माना जा रहा है कि उद्धव किसी भी हद तक भाजपा विरोध के लिए तैयार हैं। इस बीच उन्होंने शिवसेना नेताओं से चुनाव की तैयारी में जुटने का निर्देश दे दिया है, जिससे राज्य में मध्यावधि चुनाव होने की चर्चा शुरू हो गई है।