– शिंदे गुट के तीन विधायक सक्रीय
नागपुर – राज्य में सत्ता में आई नई सरकार में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के मराठवाड़ा समूह के तीन नेता मृदा एवं जल संरक्षण विभाग का मंत्री बनने के लिए जोरदार प्रयासरत है. इनमें से एक पिछली सरकार में कैबिनेट मंत्री था, दूसरा राज्य मंत्री; जबकि तीसरे पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (देवेंद्र शिंदे) सरकार के अंतिम चरण में कैबिनेट मंत्री थे। इन तीनों नेताओं ने इस विभाग का मंत्री बनने के लिए अपनी ताकत झोंक दी है।
मृदा एवं जल संरक्षण विभाग में तैनातगी के लिए जैसे अधिकारियों रहते है,उसी तर्ज पर नेताओं द्वारा इस विभाग के मंत्री बनने के लिए होड़ मची हुई है. जल संरक्षण परियोजनाओं के लिए सरकार से बड़ी मात्रा में अनुदान/निधि आता है। इस निधि पर कई ठेकेदारों की नजर रहती हैं.
इच्छुक ठेकेदार विभाग के प्रकल्पों का ठेका लेने के लिए अपने अपने स्तर से जुगत लगाए रहते हैं.मलाईदार विभाग के कामों का ठेके के लिए जैसे ठेकेदार वर्ग भिड़े रहते हैं,उसी तरह सत्तापक्ष के नेता मंडली भी विभाग पर कब्ज़ा हेतु जुगत लगा रहे हैं।
शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में, शिवसेना के 40 से अधिक विधायकों ने राज्य में महाविकास आघाड़ी सरकार को विद्रोह कर उन्हें सत्ता से बेदखल कर दिया। उसके बाद, शिवसेना और भाजपा और एकनाथ शिंदे के साथ गए निर्दलीय उम्मीदवारों की मदद से राज्य में सत्ता परिवर्तन हुआ। शुरुआत में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस दोनों ने शपथ ली। इस घटना को एक महीना बीत चुका है।हालांकि, कैबिनेट का विस्तार नहीं किया गया है। इसे लेकर पिछले कुछ दिनों से खामोश रहे दोनों पक्षों के विधायक वर्त्तमान में सत्ता की मलाई न खाते मिलते देख असमंजस में पड़ गए हैं.
उल्लेखनीय यह है कि कल 3 अगस्त को सर्वोच्च न्यायालय में दायर याचिका की सुनवाई बाद ही मंत्रिमंडल का गठन होगा या नहीं तय हो पाएगा।
अगर मंत्रिमंडल का विस्तार किया गया तो मुख्यमंत्री शिंदे के साथ समूह को कितने और कौन से विभाग मिलेंगे, इसे लेकर अभी भी अस्पष्टता बनी हुई है। हालांकि माना जा रहा है कि भाजपा की ओर से कुछ अतिरिक्त हिसाब देकर शिंदे समूह का मान बरकरार रहेगा. संभावना है कि शिंदे समूह के डेढ़ दर्जन विधायकों को कैबिनेट सह राज्य मंत्री बनाया जा सकता हैं।
वहीं दूसरी ओर अनुमान है किभाजपा की तरफ से 2 दर्जन विधायकों को मंत्रिमंडल के स्थान दिया जाएगा।