– कोई विधायक निधि देने को इच्छुक नहीं ?
Mantralaya, Mumbai, Maharashtra, INDIA
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नागपुर -नागपुर जिले का एक भी विधायक नागपुर शहर के जर्जर सरकारी भवनों व महत्वपूर्ण कार्यालयों के रखरखाव व मरम्मत के लिए धन देने को तैयार नहीं है. इससे कई भवनों की हालत खस्ता हो गई है।
दिलचस्प बात यह है कि राज्य सरकार ने प्रत्येक विधायक को कुल धनराशि का 10 % (MLA FUND) उपलब्ध कराने का नीति निर्धारित किया है। कोविड (COVIND-19) के समय में महाविकास आघाड़ी सरकार (MLA) ने विधायकों को विधायक निधि के अलावा कोरोना मरीजों के इलाज के लिए एक करोड़ रुपये की अतिरिक्त राशि दी थी.वह भी कई विधायकों ने खर्च नहीं किया। अब सवाल है कि रखरखाव मरम्मत के लिए कौन भुगतान करेगा ?
जिले के कई सरकारी भवनों की स्थिति अच्छी नहीं है। फिर भी शहर में स्थिति अच्छी है, ग्रामीण क्षेत्रों में भवनों की स्थिति खराब है। ग्राम पंचायत भवनों की हालत इतनी जर्जर है कि वे पुराने जमाने के लगते हैं। इसके बावजूद कोई जनप्रतिनिधि का ध्यान इस ओर नहीं है।
इनमें से कई विभागों के पास आय का कोई साधन नहीं है। सरकार से मिलने वाला निधि भी कम है। इसलिए इन भवनों का रखरखाव नहीं किया जाता है। कुछ इमारतें खतरनाक होती जा रही हैं। इन इमारतों के रखरखाव और मरम्मत पर भारी खर्च आता है। इसलिए उन जर्जर इमारतों के लिए यह निर्णय लिया गया कि संबंधित क्षेत्रों के विधायक अपनी निधि का 10 % योगदान दें।
विधान सभा और विधान परिषद के सदस्यों के लिए प्रति वर्ष 5 करोड़ की निधि स्वीकृत की गई है। सरकार ने आदेश दिया कि विधायक निधि से 10 % राशि सरकारी भवनों के रख-रखाव और मरम्मत पर खर्च की जाए तो एक MLA HOSTEL के रख-रखाव और मरम्मत पर 50 लाख खर्च कर सकता है।
नागपुर जिले में 12 विधायक और चार विधान परिषद सदस्य हैं। इनमें से किसी भी सदस्य ने भवनों के रख-रखाव और मरम्मत के लिए एक रुपये का भुगतान नहीं किया। ऐसे में लगता है कि विधायक सरकार के आदेश की अवहेलना कर रहे हैं.
उम्मीद है कि विधायक इस निधि को दे देंगे तो ग्रामीण क्षेत्रों के कई भवनों की स्थिति में सुधार आएगा ?