– मैंगनीज खान से प्रभावित कच्छी ढाना-पलासपानी वासियों का भविष्य खतरे में
नागपूर – महाराष्ट्र-मध्य प्रदेश सीमा से लगे छिंदवाड़ा जिला अंतर्गत सौंसर तहसील के वनग्राम कच्छी ढाना-पलासपानी रामपेठ दामानी के आदिवासी एवं जन सामान्य नागरिकों को मैंगनीज अयस्क खदान से खतरा उत्पन्न हो गया है ?
प्राप्त सबूतों के आधार पर अनावेदक फर्म मेसर्स कृष्णपिंग फेरो अलाईस प्रा लि ने पर्यावरण नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए वन- राजस्व भूमि के भूगर्भ की अंधाधुंध तरीके खनन शुरु कर रखा है ?
नियमानुसार मैंगनीज खनिज खनन शुरू करने के पूर्व वहां प्रदूषित जल शुद्धीकरण केंद्र (E.T.P.) का निर्माण किया जाना चाहिए था ?
परंतु अनावेदक फार्म प्रबंधन की हठधर्मिता का नतीजा वहां के आदिवासी एवं जन सामान्य नागरिकों को भुगतना पड़ रहा है ?
प्रकरण की C.B.I. जांच पड़ताल की मांग
वन ग्राम कच्छीढाना-पलासपानी रामपेठ दामिनी के आदिवासी नागरिकों ने मामले की CBI के माध्यम से संपूर्ण जांच पड़ताल की मांग की है.
उन्होंने कहा है कि मैंगनीज खनिज खनन परिसर में खनन मिशनरियों ट्रक टिप्परों डोझर पोकलेन जेसीबी मरम्मत के दौरान निकलने वाले कीट गिरीष एवं तैलीय जंक को प्रदूषित और विषैला मलबा नाले के जरिए गोमुख तथा कन्हान नदी में छोड़ा गया है ?
इससे कन्हान नदी में मछली-झींगा पालन दुष्प्रभावित हुआ है l इसके अलावा तैलीय ग्रीष युक्त विषैले जल के उपयोग से नदी तटवर्ती गावों के किसानों के पालतू जानवरों तथा वन्य प्राणियों पर स्वास्थ्य संकट मंडराने लगा है ?
हालकि मैंगनीज अयस्क खनन संचालक फर्म मेसर्स कृष्णपिंग फेरो अलाईस प्रा लि के खिलाफ 10 साल पूर्व मध्य प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से कार्रवाई की जा चुकी है ?
जिसका मामला छिंदवाड़ा के जिला व सत्र न्यायालय में न्यायप्रविष्ट है ?
इसके अलावा अनुवाद फर्म प्रबंधन के खिलाफ उच्च न्यायालय में मामला न्याय प्रविष्ट है ? परंतु अनुवाद फर्म मेसर्स कृष्णपिंग फेरो अलाईस प्रा लि ने उच्च न्यायालय को अंधेरे में रखकर अवैध तरीके से मैंगनीज अयस्क का अंधाधुंध तरीके खनन बदस्तूर जारी है ?
मैंगनीज खान से प्रभावित ग्राम कच्छी ढाना-पलासपानी रामपेठ दामिनी के आदिवासी एवं जन सामान्य नागरिकों ने अपने तर्कसंगत आरोप में बताया है कि संबंधित विभाग के तत्संबंधित अधिकारी ने वेतनमान सरकार से लेते हैं और कार्य अनुवाद फार्म प्रबंधन के संरक्षण के लिए कर रहे हैं ?
इससे स्पष्ट है कि संबंधित विभाग के तत्संबंधित फर्जी डिग्री धारक अधिकारियों में अनुभवहीनता की वजह से शासकीय जिम्मेदारी का काम कम और अवैध तरीके रुपये धन कमाने में ज्यादा ध्यान देते है ?
उन्होने दोषियों पर कठोर से कठोर कारवाई की मांग की है ताकि देशद्रोही तत्वों की रूह कांपने लग जाए ?
केंद्र सरकार तथा मध्यप्रदेश शासन को सौंप ध्यानाकर्षण प्रतिवेदन मे स्पष्ट किया गया है कि मामले की केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (C.B.I.) के माध्यम से संपूर्ण जांच पडताल करके उन पर रुपये 500,000 हजार करोड़ सरकारी राजस्व का नुकसान वसूली की कार्रवाई की जाए ?