नागपुर/बूटीबोरी: मिहान परिसर में पिछले कुछ दिनों से घूम रहे बाघ ने अब बूटीबोरी की ओर अपना रुख कर लिया है. बूटीबोरी वनक्षेत्र अधिकारी लहू ढोकन ने बताया कि बाघ के पगमार्क पैरों के निशान खडगा, सुकली गांव के खेतों के पास आसपास के जंगलों में मिले हैं और मिहान में काम कर रहे कुछ कर्मचारियों के अनुसार रात 11 बजे मोटरसाइकिल पर सवार अपने काम पर से घर की ओर जा रहे थे.
तभी रास्ते में बाघ जैसा दिखा तो मोटरसाइकिल खड़ी कर दी, मोटरसाइकिल की लाइट में बाघ स्पष्ट दिखाई दिया. खडगा गांव के पास रोड पार कर रहे बाघ को देख मोटरसाइकिल सवारों के पैरों तले जमीन खिसक गई और बाघ को देख मोटरसाइकिल सवार वापस मिहान की तरफ ही चले गये. इसकी जानकारी अपने साथियों को दी, वहीं खेत में काम करने वाले मजदूरों को भी बाघ के पैरों के निशान दिखाई दिये हैं. जानकारी मिली है कि सुमठाणा सुकड़ी के पास बाघ के पंजों के सर्वाधिक निशान मिले हैं. इससे साफ जाहिर होता है कि इस बाघ का रुख बूटीबोरी होते हुए बोरधरन डेम की ओर जा रहा है. फिलहाल बाघ मिहान के पास से ट्राफिक होने के कारण वाहनों की आवाज से रोड पार नहीं कर पा रहा है.
वन विभाग ने किसानों को बांटे मुखौटे
वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि बाघ सुकली खडका होते हुए अपने मूल निवास स्थान की ओर बढ़ रहा है. बाघ की गतिविधियों को ध्यान में रखते हुए खेत में काम कर रहे किसानों को मास्क बांटे गए. खडका और आसपास के क्षेत्रों के सरपंच, उपसरपंच, पुलिस पाटिल के साथ बैठक आयोजित की गई, जिसमें बाघ के परिसर में होने पर किसानों व नागरिकों द्वारा सतर्कता के बारे में मार्गदर्शन किया गया. बांटे गए मुखौटों को पहनकर किसान खेतों में काम कर सकते हैं. मुखौटे को पीछे से पहनने पर बाघ अचानक हमला नहीं करेगा.
सुकडी के सरपंच दिनेश डेंगरे ने गांव के नागरिकों को बताया कि बाघ से सावधान रहें, जिसको खेत में जाना हो अकेले न जाएं और अपने हाथ में लाठी लेकर जाएं. सभी आसपास के गांवों के नागरिकों को सावधान रहने की चेतावनी दी है.
गांव के नागरिकों को बचने की ट्रेनिंग भी दी है कि अगर बाघ हमला भी करे तो उससे कैसे बचा जा सकता है. अगर नागरिकों के हाथ में लाठी रही तो बाघ एकदम हमला नहीं कर सकता. शुक्रवार सुबह मुख्य जगहों पर ट्रैप कैमरे भी लगाये हैं जिससे बाघ का पता चल सके कि किस दिशा में बाघ की हलचल शुरू है. वन विभाग की टीम बाघ को सभी जगह देख रही है. यह स्पष्ट है कि बाघ इसी जंगल में होने के संकेत मिल रहे हैं. जगह-जगह बाघ के पैरों के निशान भी मिल रहे हैं.
पूरी कोशिश कर रहे हैं कि कोई भी व्यक्ति किसी दुर्घटना का शिकार न हो और बाघ का पता चल जाये. वन विभाग की पूरी टीम इस बाघ को ढूंढने में लगी हुई है. रात दिन जंगलों में गश्त जारी है. वन विभाग के मानद वन्यजीव रक्षक कुंदन हाते ने किसानों का मार्गदर्शन किया. इस अवसर पर अविनाश लोंढे, विनीत अरोरा, सहायक वनसंरक्षक, काले, चांदेवार, वनपरिक्षेत्र अधिकारी ठोकले आदि उपस्थित थे.