नागपुर: देश भर में बाघों की जनसँख्या की गणना के लिए प्रत्येक चार वर्ष में सर्वे किया जाता है। राज्य में 20 से 25 जनवरी के दरमियान यह गणना की जाएगी। राज्य भर में टायगर रिजर्व प्रोजेक्ट के साथ जंगलों में बाघों और अन्य मांसाहारी,शाकाहारी प्राणियों की जनसँख्या की गणना इस सर्वे के दौरान की जाएगी। लगभग पांच दिनों तक की जानेवाली प्राणियों की गणना ट्रांजेक्ट पद्धति से की जाएगी। जिसकी रिपोर्ट 15 मार्च तक राष्ट्रीय वन्यजीव संस्थान देहरादून और राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण द्वारा जारी की जाएगी। राज्य के उप प्रधान मुख्य वनसंरक्षक (वन्य जीव) द्वारा इस संबंध में आदेश जारी किया गया है।
गौरतलब हो कि 2018 में कई चरणों में होने वाली इस गणना के लिए दिसंबर 2017 में पेंच टाइगर रिजर्व प्रोजेक्ट में प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया जा चुका है। जिसमे इस काम के लिए अपनाई जाने वाली तकनीक और तरीकों पर विस्तार से चर्चा की जा चुकी है। जंगली प्राणियों की जनसँख्या की गणना देश भर में की जाएगी इसके लिए निश्चित समयवधि तय की गई है।
जंगल में जाकर सर्वे करने का काम 20 जनवरी से शुरू होगा। सबसे पहले माँसाहारी प्राणियों और उसके बाद शाकाहारी प्राणियों की गणना की जाएगी।