Published On : Fri, Jul 29th, 2022
By Nagpur Today Nagpur News

छात्रों में शिक्षण कौशल का विकास करने भविष्यवेधी शिक्षा प्रणाली हो -रवींद्र ठाकरे ने दिए दिशा निर्देश

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-आदिवासी विभाग के 75 स्कूलों में हुआ क्रियान्वयन

नागपुर: निपुण भारत अभियान के तहत भविष्य की शिक्षा प्रणाली छात्रों में सीखने के कौशल को विकसित करने के लिए महत्वपूर्ण है। छात्रों की गणितीय, भाषाई, पारस्परिक और प्राकृतिक बुद्धि में अत्यंत महत्वपूर्ण परिवर्तन हुआ है। आदिवासी विकास विभाग के अपर आयुक्त रवींद्र ठाकरे ने गुरुवार को बताया कि संभाग के आदिवासी विकास विभाग के 75 स्कूलों में भविष्य की शिक्षा व्यवस्था शुरू कर दी गई है। शिक्षकों को शिक्षण पद्धति में आधुनिक तकनीक का प्रयोग करना चाहिए और समूह शिक्षा, विषय मित्रों, पड़ोस की कक्षा और सहकर्मी शिक्षा का उपयोग करके विभाग की ‘नव चेतना’ पहल को प्रभावी ढंग से लागू करना चाहिए।

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ठाकरे वसंतराव नाईक राज्य कृषि विस्तार प्रबंधन प्रशिक्षण संस्थान (वनामती) में भविष्य की शिक्षा के विषय पर जानकारी प्रदान करने के लिए आयोजित एक बैठक में बोल रहे थे। इस अवसर पर मनरेगा योजना के मास्टर ट्रेनर एवं शिक्षा विशेषज्ञ नीलेश घुगे मौजूद थे।

ठाकरे ने कहा कि सरकारी आश्रम स्कूलों में बेहतर शैक्षिक वातावरण बनाने के लिए शिक्षण और छात्रों की शैक्षिक गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए शिक्षण और सीखने के कौशल को विकसित करना अत्यंत आवश्यक है। हर छात्र का सीखने का स्तर और सीखने की गति अलग होती है। छात्रों की शैक्षिक आवश्यकताओं, सीखने की कठिनाइयों को ध्यान में रखते हुए शिक्षा पद्धति में परिवर्तन होना चाहिए। परंपरागत पद्धति के बजाय हंसी-मजाक से और आधुनिक तकनीक का उपयोग करके पढ़ाना बेहद जरूरी है।

उन्होंने कहा, आदिवासी विकास विभाग द्वारा विभाग के सभी विद्यालयों में नवचेतना पहल का क्रियान्वयन किया जा रहा है। इस पहल के तहत नागपुर आदिवासी विकास विभाग के तहत नौ परियोजनाओं के 75 सरकारी आश्रम स्कूलों के 20 हजार 361 छात्रों और 138 अनुदानित आश्रम स्कूलों के 45 हजार 129 छात्रों को भविष्य की शिक्षा प्रणाली के तहत बुनियादी साक्षरता और अंकगणित में पूर्ण शिक्षा दी जा रही है। इसके लिए संबंधित स्कूल के सभी शिक्षकों को विशेषज्ञ प्रशिक्षकों द्वारा प्रशिक्षित किया गया है। इस प्रणाली के लागू होने की सफलता आने वाले महीनों में देखने को मिलेगी।

शिक्षा विशेषज्ञ घुले ने कहा कि केंद्र सरकार के निपुण भारत अभियान के तहत देश में प्राथमिक शिक्षा के छात्रों के सर्वांगीण विकास के लिए बुनियादी साक्षरता और अंकगणित अभियान चलाया जा रहा है। तदनुसार, भाषाई कौशल, बुनियादी संख्यात्मक साक्षरता, संख्यात्मकता और गणितीय कौशल, समावेशी शिक्षा, बुनियादी साक्षरता और संख्यात्मक अभियान स्तंभ, गृह शिक्षण और स्व-शिक्षा को शैक्षिक घटकों के रूप में दिया गया है। इन घटकों के प्रभावी कार्यान्वयन से छात्रों में भाषाई कौशल और संख्यात्मकता का विकास होगा।

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