नागपुर : संवैधानिक अधिकार के अंतर्गत मध्यमवर्गीय परिवारों के बालकों को मुफ़्त में शिक्षा लेने का प्रावधान है लेकिन दूसरे के अधिकार को छीन कर अपने बालकों को आनियमित रूप से प्रवेश दिलाने में अभिभावक क़ामयाब हो जाते हैं लेकिन जिन का हक़ मारा जाता है
वह बालक पालक भी ख़ामोश नहीं रहते ऐसा ही एक चौंकाने वाला प्रकरण चेयरमैन आरटिइ एक्शन कमेटी मो शाहिद शरीफ़ इनको जानकारी प्राप्त हुई उसके बाद जाँच करने पर दोनों विद्यार्थियों की जन्मपत्रिका जो आवेदन के समय लगायी गई थी वो झूठी साबित हुई क्यों की उम्र अधिक होने के कारण फ़र्ज़ी जन्मपत्रिका बनायी गई
वास्तव में ये बच्चों का जन्म २०१४ मैं हुआ और जाली जन्मपत्रीका २०१५ की बनाई गई पद्दार स्कूल में प्रवेश २२ngo39251 sah amay vikas ओर जुड़वाँ बच्चा २२ng039250 sah adhya vikas इनके प्रवेश में अभिभावक sah vikas shivpujan ने बोगस आधार कार्ड भी दोनों बच्चों के बनाए और ये सब करने के लिए इस बालक ने गैजेट में अपना सरनेम भी बदला है
मज़े की बात तो यह है कि ये गैजेट 2017 का है । जानकारी प्राप्त हुई है कि यह सारे दस्तावेज़ इनसाइट कोचिंग जामठा क्लास के किसी कर्मचारी ने बनाने में मदद की है।