– प्रदूषण नियंत्रण मंडल ने मनपा को लिखा पत्र
नागपुर – तालाबों को प्रदूषित होने से बचाने के लिए मनपा ने जगह-जगह कृत्रिम 10 की व्यवस्था की है. इन कृत्रिम तालाबों में गणेश प्रतिमाओं को विसर्जित किया जाएगा पर मनपा इन कृत्रिम तालाबों के पानी को सीधे कहीं छोड़ नहीं सकेगी। महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण मंडल ने इन तालाबों के पानी को ट्रीटमेंट करके डिस्पोजल करने को कहा ,है इस संबंध में मनपा को पत्र लिखकर सूचित किया गया है कि मनपा के शहर में कई जगह सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट है जहां गंदे पानी पर प्रक्रिया कर उस पानी का उपयोग किया जाता है.
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण मंडल ने पर्यावरण को हानि न पहुंचे इसलिए जरूरी गाइडलाइन जारी की है. इस गाइडलाइन पर सभी मनपा व नगर परिषद को अमल करना है.गणेशोत्सव के दौरान बड़े पैमाने पर तालाबों का पानी प्रदूषित होने का खतरा बना रहता है.एमपीसीबी ने मनपा को ईमेल भेजकर कृत्रिम तालाबों में जमा पानी जिसमें गणेश प्रतिमाएं विसर्जित होगी,उस पानी को सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट में प्रक्रिया के बाद भी डिस्पोजल करने को कहा है. मनपा के संबंधित अधिकारियों को भी इस बारे में सूचित किया गया है
एमपीसीबी के निर्देश बाद मनपा प्रशासन ने एमपीसीबी नागपुर को सूचित किया है कि शहर के अंबाझरी, सोनेगांव, नाईक तालाब, गांधीसागर, फुटाला व शक्करदरा में गणेश मूर्तियों के विसर्जन पर पाबंदी लगाई गई है. इन जगहों पर कृत्रिम टैंकों की व्यवस्था की गई है.भक्तों को इसी टैंक में गणेश मूर्ति विसर्जित करनी होगी। हालांकि इस पर कितना अमल होगा इस बारे में कोई दावा नहीं किया जा सकता।
मनपा ने एमपीसीबी को यह भी सूचित किया है कि तालाबों को प्रदूषित होने से बचाने के उद्देश्य से बड़ी गणेश मूर्तियों को 4 फीट से ऊंची के विसर्जन के लिए कोराडी में विशेष व्यवस्था की गई है.क्रेन की सहायता से गणेश मूर्तियां विसर्जित करने का दावा मनपा की तरफ से किया गया है, एमपीसीबी नागपुर के अधिकारीयों ने यहां का दौरा कर व्यवस्था का जायजा लिया।