नागपुर: आदिवासी विकास मंत्री डॉ. विजयकुमार गवित ने शुक्रवार को कहा कि राज्य सरकार की प्राथमिकता आदिवासी आश्रम विद्यालयों में बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराना है और राज्य के सभी आश्रम विद्यालयों में छात्रावासों का निर्माण अगले दो वर्षों में पूरा कर लिया जाएगा।
राज्य सरकार आदिवासी आश्रम शालाओं में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के लिए विशेष कार्यक्रम लागू करेगी। डॉ. गवित ने यह भी बताया कि इसके तहत छात्रों की हर दो महीने में और शिक्षकों की हर तीन महीने में जांच की जाएगी।
नागपुर एकीकृत जनजातीय विकास परियोजना के तहत हिंगाना तालुका के कावदास स्थित राजकीय माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक आश्रम विद्यालय के बालिका छात्रावास भवन का शिलान्यास डॉ. गावित ने किया। वे इस अवसर पर बोल रहे थे। मंच पर जिला परिषद अध्यक्ष मुक्ता कोकड़े, नागपुर जनजातीय प्रमंडल के अपर आयुक्त रवींद्र ठाकरे, लोक निर्माण विभाग के अधीक्षण अभियंता उज्ज्वल डाबे, हिंगना पंचायत समिति की अध्यक्ष सुषमा कावड़े, कवडस गांव की सरपंच उषा सावले आदि मौजूद थीं।
डॉ. गावित ने कहा कि आदिवासी विभाग ने आश्रम शालाओं में संरचना तैयार करने का कार्यक्रम शुरू किया है। इस कार्यक्रम के तहत दो साल में लड़के और लड़कियों के लिए छात्रावास का निर्माण पूरा करने की योजना है। उन्होंने यह भी कहा कि इसके बाद आश्रम शालाओं में रेजिडेंट शिक्षकों के लिए बेहतर आवास सुविधा उपलब्ध कराने का कार्यक्रम लिया जाएगा।
आश्रम शालाओं में अनुशासन रखा जाए तथा गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने की योजना भी बनाई जाए। इसके मुताबिक पढ़ाने के बाद हर दो महीने में छात्रों का टेस्ट लिया जाएगा कि पढ़ाए गए विषय को उन्होंने ठीक से समझा है या नहीं। छात्रों को पढ़ाए गए विषय को समझने के लिए शिक्षकों से भी विभिन्न तरीकों को अपनाने की अपेक्षा की जाती है। इसलिए डॉ. गवित ने कहा कि हर तीन महीने में इस संबंध में शिक्षकों की भी जांच की जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि आश्रम के स्कूलों में छात्रों, शिक्षकों और कर्मचारियों की उपस्थिति दर्ज करने के लिए बायोमेट्रिक और फेस रीडिंग सिस्टम का उपयोग किया जाएगा।
आश्रम स्कूल के मेधावी बच्चों के लिए स्कूल में ही अलग से कक्षाएं लगेंगी। जिन विषयों को समझना छात्रों के लिए मुश्किल है, उनके लिए वर्चुअल क्लासेस आयोजित की जाएंगी। डॉ गावित ने यह भी कहा कि खेल के क्षेत्र में विशेषज्ञों का मार्गदर्शन, खेल सामग्री उपलब्ध कराई जाएगी और खेल के क्षेत्र में तेज तर्रार छात्रों के लिए खेल के मैदान तैयार किए जाएंगे।
जिला परिषद अध्यक्ष मुक्ता कोकड़े और नागपुर जनजातीय प्रमंडल के अतिरिक्त आयुक्त रवींद्र ठाकरे ने श्रोताओं को संबोधित किया। नागपुर एकीकृत जनजातीय विकास परियोजना के परियोजना अधीक्षक दीपक हेडाऊ ने परिचय दिया और आश्रम स्कूल की प्रधानाध्यापिका विजया खापर्डे ने धन्यवाद ज्ञापन किया।
आश्रम शालाओं में बालिकाओं के लिए छात्रावास निर्माण हेतु 12 करोड़ 33 लाख की राशि स्वीकृत की गई है। 2217.6 वर्ग मीटर में यह छात्रावास फैला होगा। यह तीन उद्यानों का भवन है और यहां सुरक्षात्मक दीवार, पक्की सड़क, पेयजल आदि बुनियादी ढांचा उपलब्ध होगा। आश्रम स्कूल की स्थापना 1974 में हुई थी। यहां कक्षा 5वीं से 12वीं तक कुल 304 छात्र-छात्राएं पढ़ रहे हैं।