नागपुर: रविभवन में बुधवार को आदिवासी समाज के सदस्यों ने धरना प्रदर्शन कर सरकार की लापरवाही व निर्णय ना लेने के रवैये के विरोध में विरोध प्रदर्शन किया। गोंडवाना यूथ फोर्स के बैनर तले सैंकड़ों महिलाओं, युवक युवतियों और आदिवासी समाज के लोगों ने सरकार विरोधी नारेबाजी की। संगठन के शिष्टमंडल से राज्य के आदिवासी विकास विभाग के मंत्री विष्णु सावरा ने मुलाकात की। उन्होंने शिष्टमंडल को तीन दिनों में संगठन की प्रमुख मांगों पर विचार कर निर्णय लेने का आश्वासन दिया।
संगठन संयोजक संतोष धुर्वे ने बताया कि देवली, आमगांव पाड़ा के बाद बुट्टीबोरी स्थित आश्रमशाला में आदिवासी छात्राओं के साथ लैंगिग शोषण की घटना सरकार की लापरवाही का नतीजा है। बुट्टीबोरी की घटना के बाद हमने आदिवासी विकास विभाग में ताला जड़कर अधिकारियों को 9 घंटे तक बंद रखा था। लेकिन इसके बाद भी सरकार की नींद नहीं खुली। यही वजह है कि अब हमें इस तरह आंदोलन करने पर विवश होना पड़ रहा है। मंत्री सावरा ने हमारी मांगों को ध्यान से सुना और तीन दिनों में निर्णय लेने का आश्वासन दिया। लेकिन आश्वासन के समय सीमा के भीतर अगर सुधार होता दिखाई नहीं दिया तो दोबारा आदिवासी विकास विभाग कार्यालय में ताला जड़ा जाएगा।
संगठन की प्रमुख मांगों में निवासी आश्रम शालाओं में होनेवाले शारीरिक व लैंगिक अन्याय को खत्म करने के लिए सभी आश्रम शालाओं में सीसीटीवी कैमरे लगाने, इन्हें इंटरनेट से जोड़कर नागपुर व नाशिक स्थित मुख्य एटीसी द्वारा निगरानी करने, साथ ही ऐसे मामलों की सुनवाई के लिए सीधे फास्ट ट्रैक कोर्ट की व्यवस्था कर निर्णय देने की मांग की। आश्रमशालाओं की कैंटीन संचालन की निविदा आदिवासी समाज के अनुभवी संगठनों को ही दी जानी चाहिए। साथ ही हर आश्रम शालाओं में आदिवासी संगठनों को निरीक्षण के लिए भेंट देने के लिए अनुमति की मांग भी प्रदर्शनकारियों ने की है।