केंद्र सरकार के जिस हिट एंड रन (Hit And Run) को लेकर लाए गए नए कानून का विरोध हो रहा है, उसके तहत अगर कोई ट्रक या डंपर का ड्राइवर किसी को टक्कर मारकर भागता है तो उसको दस साल की सजा का प्रावधान है. इसी के साथ जुर्माना भी भरना होगा. अब इस मामले में सरकार का कहना है कि अभी नया कानून लागू नहीं हुआ है.
मौजूदा कानून के तहत इस तरह के मामलों में कुछ ही दिन में आरोपी चालक को जमानत मिल जाती है, इसमें दो साल की सजा का प्रावधान है, लेकिन नया जो कानून बना है, उसमें ये सजा दस साल की कर दी गई है, साथ ही जुर्माना भी होगा.
इस कानून के विरोध में बड़े वाहनों के चालक पूरे देश में हड़ताल कर रहे थे, जिसकी वजह से कई शहरों में रोजमर्रा की चीजों की कमी हो गई. पेट्रोल-डीजल के लिए कतारें लगने लगीं. कुछ शहरों में डीजल-पेट्रोल देने की सीमा तय कर दी गई. कई जगहों पर तेल खत्म होने की बातें भी कही गईं, जिसके बाद लोगों की भीड़ लगने लगी.
इसी बीच इस पूरे मामले को लेकर गृह मंत्रालय में केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला के साथ ट्रासंपोर्ट संगठन के लोगों की बैठक हुई. इस बैठक में जब आश्वासन मिला तो संगठन हड़ताल वापस लेने पर सहमत हो गया. हिट एंड रन केस में नए कानून पर सरकार और ट्रांसपोर्टर्स में सुलह हो गई है.
दरअसल, मोटर व्हीकल एक्ट (Motor Vehicles Act) के अंतर्गत हिट-एंड-रन केस (Hit And Run) के मामलों के लिए नए कानून का बड़े वाहनों के चालक विरोध कर रहे थे और कानूनों लागू नहीं करने की मांग कर रहे थे. इसी को लेकर गृह मंत्रालय में केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला के साथ ट्रासंपोर्ट संगठन की बैठक हुई.
ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस के चेयरमैन ने क्या बताया?
ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस के चेयरमैन मलकीत सिंह बल ने कहा कि IPC की धारा 106 (2) जिसमें 10 साल की सजा के साथ ही जुर्माने का प्रावधान है, वह कानून लागू नहीं होने देंगे. संगठन की चिंता लेकर हम सरकार के पास पहुंचे. नया कानून अभी लागू नहीं है. हम ड्राइवरों को आश्वासन दिलाते हैं कि आगे यह कानून लागू नहीं होने देंगे.
हमने अपील की है कि हड़ताल वापस हो.कानून लागू करने से पहले ऑल इंडिया ट्रांसपोर्ट कांग्रेस से सलाह मशवरा किया जाएगा. वहीं केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने कहा कि ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस से दस साल की सजा वाले कानून पर चर्चा हुई है. ये कानून अभी लागू नहीं हुआ है. हम इसे लागू करने से पहले AIMTC से चर्चा करेंगे और इसके बाद ये लागू किया जाएगा.