नागपुर: डीजल की बढ़ी कीमतों के साथ ही अन्य माँगो को लेकर ट्रक मालिकों और ऑपरेटरों ने सोमवार से देशव्यापी हड़ताल पर चले गए है। ऑल इंडिया कन्फेडरेशन ऑफ़ गुड्स एंड व्हीकल्स ऑनर्स एसोसिएसशन की ओर से आयोजित इस हड़ताल में विदर्भ के भी कई ट्रक ऑपरेटर्स शामिल है। इस हड़ताल का प्रमुख मुद्दा डीजल के बड़े दाम और थर्ड पार्टी बीमा के प्रीमियम में वृद्धि है।
ये हड़ताल अनिश्चितकालीन समय से लिए घोषित की गई है। ऐसे में अगर हड़ताल लंबे समय तक जारी रहती है तो आम आदमी के लिए मुश्किलें बढ़ जाएगी। हड़ताल का सीधा असर मँहगाई पर पड़ेगा। वैसे इस हड़ताल का कोई व्यापक असर नागपुर और आस पास के ईलाके में नहीं है लेकिन 20 जुलाई से ऑल इंडिया मोटर कांग्रेस ट्रांसपोर्ट एसोसिएसशन से भी अनिश्चितकालीन हड़ताल का ऐलान किया है। जिसका सीधा असर मध्य भारत पर होगा।
नागपुर ट्रक ओनर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष कुक्कू मारवाह के मुताबिक 20 जुलाई से आयोजित हड़ताल की वजह से लाखों ट्रक सड़को पर खड़े हो जायेगे।
राज्य में ट्रक ओनर्स के लिए व्यापार करना चुनौती भरा हो चला है। आद्योगिक मंदी,डीजल के दाम में वृद्धि,राज्य में ई वे बिल प्रणाली की वजह से ट्रांसपोर्ट व्यापार मुश्किल हालात से जूझ रहा है। समय-समय पर होने वाली हड़ताल के बाद सरकार की ओर से आश्वाशन दिया जाता है लेकिन बीते 30 वर्षो में कोई स्थाई समाधान नहीं निकाला गया। सरकार अगर चाहे तो डीजल के दाम का नियंत्रण जीएसटी में समाहित कर तत्काल और बड़ी राहत ट्रक मालिकों को दे सकती है।
मारवाह के अनुसार 20 जुलाई से अगर देशव्यापी हड़ताल होती है तो इसका सीधा असर होगा। ऐसे में आवश्यकता है सरकार जल्द से जल्द माँगे पूरी करे।
ई वे प्रणाली ट्रांसपोर्ट व्यवसाय के लिए खरतनाक
नागपुर ट्रक ओनर्स एसोसिएसशन के अध्यक्ष कुक्कू मारवाह राज्य में लागू की गई ई वे प्रणाली को ट्रांसपोर्ट व्यापारियों के लिए खतरनाक मानते। कहना है की देश में केवल ट्रांसपोर्टर की पहले अपना टैक्स जमा करता है और बाद में व्यापार करता है। ई वे प्रणाली के नियम के मुताबिक किसी ट्रक में भरे सामान का रजिस्ट्रेशन ई वे प्रणाली के तहत नहीं रहता है तो 100 प्रतिशत फ़ाईन के साथ 5 फ़ीसदी अधिक पैनल्टी का प्रावधान है। ऐसे में अगर ट्रक पकड़ा गया तो सारा माल सीज़ हो जायेगा। इसका नुकसान ट्रक ऑपरेटर्स को होगा।