– 30 को चुनाव हेतु सभी दावेदार भिड़े
नागपुर-नागपुर जिलापरिषद चुनाव में कांग्रेस को पूर्ण बहुमत मिलने के कारण जिला परिषद अध्यक्ष व उपाध्यक्ष दोनों पद खुद के पास रखा हैं। अब एनसीपी नेता प्रफुल्ल पटेल 2 सभापति पद के लिए प्रयासरत हैं। आगामी 30 जनवरी को सभापति का चुनाव हैं, लेकिन अबतक दोनों पक्षों के मध्य बैठक नहीं हो पाई।एनसीपी को 2 सभापति पद नहीं मिला तो चर्चा हैं कि वे फिर विपक्ष में बैठेंगे।जिसके लिए दोनों पक्षों के जिप सदस्यों की सक्रियता बढ़ गई और पद प्राप्ति के लिए लॉबिंग भी शुरू हो चुकी हैं।
याद रहे कि कांग्रेस के मध्य मंत्री सुनील केदार गुट में अध्यक्ष व उपाध्यक्ष पद जाने के बाद जिलाध्यक्ष राजेन्द्र मुल्क,मुकुल वासनिक के करीबी नाना गावंडे,सुरेश भोयर गुट उपेक्षित रहा और अपने गुट के जिप सदस्यों के लिए सभापति पद के लिए सक्रिय बताए जा रहे हैं।उसी तरह जिप में कांग्रेस के वरिष्ठ सदस्य शांता कुमरे, नाना कंभाले,तापेश्वर वैध,कैलाश राऊत भी प्रतीक्षा सूची में अग्रणी हैं। इसके साथ ही जिप चुनाव में बड़ी जीत दर्ज करने वाली अवंतिका लेकुरवाले,बड़ी मार्जिन से जितने वाली मुक्त कोकड्डे,उमरेड के शंकर डडमल जैसे नाराज हो जाएंगे,गर एनसीपी कोटे में 2 सभापति पद गया तो।
शांता कुमरे जो रामटेक विधानसभा क्षेत्र से जिप सदस्य हैं, उनका तीसरा टर्म हैं। उन्हें भी सभापति पद की आस हैं। लेकिन इन्हें सभापति नहीं बनाया जायेगा। क्योंकि इसी विधानसभा क्षेत्र से जिप अध्यक्ष हैं। कन्हान टेकाड़ी की जिप सदस्य रश्मि बर्वे को अध्यक्ष बनने का अवसर मिल चुका हैं और ऐसा सुनने में आ रहा हैं कि कांग्रेस सभी विधानसभा क्षेत्र के साथ समान न्याय करने के लिए प्रयासरत हैं। वहीं दूसरी ओर सावनेर विधानसभा क्षेत्र के मनोहर कुंभारे के रूप में उपाध्यक्ष पद मिल चुका। इस हिसाब से शेष विधानसभा क्षेत्र से सभापति बनाये जाने कायास लगाए जा रहे।
उल्लेखनीय यह हैं कि कामठी विधानसभा क्षेत्र के जिप सदस्य नाना कंभाले,अवंतिका लेकुरवाले,तापेश्वर वैध में से तापेश्वर क्योंकि शिवसेना से आए, वे पहले भी शिवसेना कोटे से उपाध्यक्ष रह चुके,इसलिए उन्हें सभापति नहीं बनाया जाएगा।अब नाना कंभाले,अवंतिका लेकुरवाले में से किसी एक को सभापति बनाने की चर्चा हैं, इसमें से नाना कंभाले वरिष्ठ सदस्य हैं।
इसके अलावा जिलाध्यक्ष मूलक के सिफारिश पर उमरेड विधानसभा क्षेत्र से किस जिप सदस्य का नंबर लग सकता हैं, वहीं एनसीपी कोटे से उज्जवला बोढारे या दिनेश बंग को मौका मिल सकता हैं। उक्त समीकरण के बावजूद पुनः जिप सभापति चुनाव मंत्री सुनील केदार के पहल पर निर्भर हैं, क्योंकि वे ही जिप चुनाव का केंद्र बिंदु हैं।