कोराडी पावर प्लांट से रेडीमिक्स मटेरियल व लोह सामग्री का गैरकानूनी रूप से दोहन कर रहे थे
कोराडी पुलिस कर रही पक्षपात
नागपुर: कोराडी थर्मल पावर प्लांट से निर्माण सामग्री की चोरी कर परिवहन कर ले जाते हुए मेसर्स अभी इंजीनियरिंग कंपनी की दो ट्रक प्लांट पर तैनात सुरक्षा कर्मी के हाथों धरे गए। मामला कोराडी थाने तक पहुँचा और थाना प्रशासन ने आनन-फानन में मामूली प्रकरण दर्ज कर दोनों ट्रक चालकों को जमानत दे दी। वजह पता की गई तो जानकारी मिली कि निर्माण सामग्री से भरे दोनों ट्रक ऊर्जामंत्री के निर्माणधीन बंगले और नान्दा स्थित पूर्ति बाजार के निर्माणकार्य स्थल पर जा रहे थे।
सूत्रों द्वारा प्राप्त जानकारी के अनुसार कोराडी थर्मल पावर प्लांट में अतिरिक्त नई प्रकल्प का निर्माणकार्य जारी है। इसके लिए एक ठेकेदार कंपनी ने कांक्रीट मिक्सर प्लांट की स्थापना पावर प्लांट परिसर में २-३ साल पहले की थी। इसी प्लांट के सहारे नए प्रकल्प में सिविल वर्क किया गया।
इस कंपनी से कामठी निवासी अज्जु विजयवर्गीस की कंपनी मेसर्स अभी इंजीनियरिंग कंपनी ने साठगांठ कर पावर प्लांट के उपयोगार्थ रेडी मिक्स मटेरियल की खुलेआम दो ट्रक परिवहन कर शनिवार 20 अगस्त 2016 की दोपहर जैसे ही पावर प्लांट परिसर से बाहर निकले वैसे ही दोनों ट्रकों को पावर प्लांट के मुख्य गेट पर तैनात सुरक्षा कर्मी ने रोका। इस दौरान सुरक्षा कर्मी ने पूछा कि पावर प्लांट का मटेरियल कहाँ ले जा रहे हो तो दोनों में से एक ट्रक चालक ने बताया कि एक ट्रक ऊर्जामंत्री के बंगले जहाँ निर्माणकार्य जारी है, वहाँ ले जा रहे है। तो दूसरे चालक ने बताया कि नान्दा स्थित पूर्ति सुपर बाजार के निर्माणाधीन बाजार स्थल पर मटेरियल ले जा रहे है। दोनों ट्रक मेसर्स अभी इंजीनियरिंग कंपनी के थे। इसके अलावा दोनों ट्रक में लोहे के छड़ आदि भी थे।
दोनों चालकों के बयान के आधार पर पावर प्लांट में तैनात सुरक्षा कर्मी कोराडी पुलिस स्टेशन में शनिवार की दोपहर मामला दर्ज करवाने पहुंचे। लेकिन कोराडी पुलिस ने मेसर्स अभी इंजीनियरिंग कंपनी से समझौता कर सिर्फ लोहे के निर्माण सामग्री की चोरी का मामला दर्ज कर ट्रक चालकों को जमानत पर छोड़ दिया।
उक्त प्रकरण के जानकार स्थानीय जागरूक नागरिकों के अनुसार ऊर्जामंत्री के बंगले और पूर्ति बाजार का निर्माण सह नान्दा-लोनखैरी मार्ग का निर्माणकार्य पावर प्लांट के निर्माणकार्य हेतु सामग्री की चोरी कर किया जा रहा है। यह चोरी अधिकांशतः रात में होती है।
उल्लेखनीय यह है कि मेसर्स अभी इंजीनियरिंग कंपनी पर किसका वरदहस्त है। इसी वरदहस्त के सहारे कोराडी थाना प्रशासन ने मुख्य मामले पर चोरी का मामला दर्ज करने के बजाय अन्य मामले पर चोरी का मामला दर्ज किया।अब सवाल यह उठता है कि जब से कोराडी में नए प्रकल्प के निर्माणकार्य स्थल सह पुराने बंद प्रकल्प से लाखों रूपए के सामग्री की चोरी की घटना अनेकों दफे सार्वजानिक हुई लेकिन कोराडी पावर प्लांट प्रबंधन ने आज तक उंगलियों पर गिनने लायक दफे ठाणे में मामले दर्ज करवाये। आखिर इन चोरों को बचाने पावर प्लांट प्रबंधन पर किस सफेदपोश का दबाव निरंतर जारी है। जबकि सरकारी संपत्ति की चोरी का गुनाह तत्काल दर्ज होना चाहिए था। यह चोरी तब से और बढ़ गई है, जबसे कोराडी पुलिस थाना पावर प्लांट परिसर से बाहर आ गया है। इस चोरी में चुनिंदा सुरक्षा रक्षकों का भी बड़ा योगदान है। कहा तो यह भी जा रहा है कि कोराडी के नए थाने का निर्माण कही और होना था। लेकिन किसी सफेदपोश के हस्तक्षेप से पांजरा में हुआ।
उक्त कंपनी यह वही कंपनी है जिसने बगैर अनुभव के सत्ताधारी मंत्री के दबाव के तहत नागपुर महानगरपालिका में एक नहीं ३-३ सीमेंट सड़क के निर्माण का ठेका लेने की असफल कोशिश की थी।
– राजीव रंजन कुशवाहा