Published On : Fri, Jun 22nd, 2018

उद्धव ने फिर तरेरीं आंखें, मोदी सरकार को कहा जुमलेबाज

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शिवसेना से दूरी को पाटने के लिए अमित शाह ने उद्धव ठाकरे से भले ही मुंबई आकर मुलाकात की हो, लेकिन शिवसेना इस खाई को पाटने के मूड में नजर नहीं आ रही है. अगले लोकसभा चुनावों में शिवसेना के अकेले दम पर चुनाव लड़ने की बात दोहराते हुए उद्धव ठाकरे ने ऐलान किया है कि श्रीनिवास वनगा पालघर लोकसभा क्षेत्र से पार्टी के उम्मीदवार होंगे. दिलचस्प बात है कि हाल ही में संपन्न लोकसभा उपचुनाव में वनगा बीजेपी उम्मीदवार राजेंद्र गाविते से हार गए थे.

शिवसेना के 52वें स्थापना दिवस के मौके पर उद्धव ठाकरे ने पार्टी कार्यकर्ताओं से घर-घर जाने को कहा. उन्होंने कार्यकर्ताओं से कहा, ‘ आप लोग घर-घर जाइए और पता कीजिए कि केंद्र और राज्यसरकार की योजनाओं का लाभ लोगों को मिल पा रहा है या नहीं. उन्होंने (बीजेपी) संपर्क फॉर समर्थन अभियान की शुरुआत की है, आप सत्य शोधन अभियान चलाइए. आप पता करिए कि लोगों को योजनाओं का लाभ मिल पा रहा है या नहीं.’

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उद्धव ठाकरे ने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए यह भी कहा कि लोकसभा चुनाव इसी साल दिसंबर में होंगे. यह चुनाव अप्रैल-मई में नहीं होंगे. उन्होंने कार्यकर्ताओं से अपील करते हुए कहा कि वे चुनावी तैयारी में जुट जाएं. उद्धव ठाकरे ने कहा कि राज्य का अगला मुख्यमंत्री शिवसेना से होगा.

उद्धव ठाकरे कहा, ‘ शिवसेना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मुंबई-अहमदाबाद के बीच चल रही महत्वाकांक्षी योजना बुलेट ट्रेन का विरोध करेगी. पार्टी मुंबई-वड़ोदरा एक्सप्रेस-वे का भी विरोध करेगी. क्योंकि इन योजनाओं से महाराष्ट्र से ज्यादा गुजरात को लाभ मिलेगा. मुंबई से काम करने के लिए कोई अहमदाबाद नहीं जाता है बल्कि अहमदाबाद से ही लोग काम करने के लिए मुंबई आते हैं.’

शिवसेना के एक आंतरिक सूत्र ने मेल टुडे से बाताया कि पार्टी महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव अकेले लड़ने के मूड में है, लेकिन वह लोकसभा चुनाव बीजेपी के साथ ही लड़ेगी, क्योंकि ज्यादातर सांसदों का मानना है कि बीजेपी के साथ रहने ही वे एकजुट विपक्ष के सामने खड़े हो पाएंगे.

किसान कोमा में

शिवसेना ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा है. शिवसेना ने कहा कि बीजेपी की फसल लहलहा रही है और देश का किसान और उसकी खेती कोमा में जा चुकी है, लेकिन मोदी सरकार बार-बार जुमलेबाजी करने में लगी हुई है.

शिवसेना ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ में लिखे संपादकीय में बीजेपी पर निशाना साधा है. पार्टी ने कहा कि जो गरजते हैं, वो बरसते नहीं. मौजूदा सत्ताधारियों पर यह कहावत सटीक लागू होती है. उन्होंने कहा कि असमीति घोषणाएं और उसी जुमलेबाजी से अब देश की जनता परेशान हो चुकी है.

शिवसेना ने कहा, ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को देशभर के किसानों से बातचीत की. मोदी ने कहा कि 2022 तक किसानों की आमदनी दोगुनी करेंगे. मगर सवाल है कि इसमें नया क्या है. 2014 के चुनावी घोषणा पत्र में भी बीजेपी ने किसानों को यही आश्वसन दिया था.’

शिवसेना ने कहा कि इसी आश्वासन पर किसानों ने भरोसा किया और कांग्रेस को सत्ता से बेदखल कर दिया था और बीजेपी को सत्ता सौंपी थी. महाराष्ट्र और केंद्र में एनडीए की घटक शिवसेना ने कहा कि बीजेपी की फसल लहलहा उठी जबकि देश का किसान और उसकी खेती कोमा में चली गई है.

शिवसेना ने सवाल किया कि क्या किसानों के अच्छे दिन आएंगे? इसका जवाब प्रधानमंत्री को देना चाहिए था, लेकिन किसानों की उपज दोगुनी करेंगे. इस तरह के पुराने आश्वासनों की कैसैट बजाकर प्रधानमंत्री मुक्त हो गए.

पार्टी ने कहा कि किसान अपनी दुर्दशा खुली आखों से देख रहा है. इस सरकार के शासन में किसान की उपज दोगुनी तो नहीं हुई, लेकिन किसानों की आत्महत्याएं दोगुनी हो गई हैं.

शिवसेना ने कहा कि बैंकों को चुना लगाने वाले बडे़ उद्योपतियों के लिए यही बैंक कालीन बिछाते हैं, मगर आत्महत्या की दहलीज पर खडे़ किसानों को कर्जमुक्त करने की मांग होते ही यह सरकार दस जगहों पर टेढ़ी हो जाती है , बल्कि कई नियम-कानून लादकर कर्जमाफी को लटकाए रखती है. यह भेदभाव है.

शिवसेना ने कहा कि 2014 से अब तक देश में 40 हजार किसानों ने आत्महत्याएं की हैं, उसमें भी महाराष्ट्र ही आगे है. किसानों की आत्महत्या का ग्राफ क्यों बढ़ रहा है. इसका विचार न करते हुए मोदी सरकार बार-बार वही जुमले दोहरा रही है. जुमलों के इस जुल्म का विस्फोट 2019 में होगा ही.

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