नागपुर : नोट बंदी को एक ओर भारतीय जनता पार्टी काले धन के खिलाफ बड़ा अभियान बता रही है वहीं इसी नोटबंदी से समस्याएं खड़ी होने की शिकायत राज्य सरकार की सहयोगी दल शिवसेना को है। शिवसेना प्रमुख उध्दव ठाकरे व उनके बेटे राज ठाकरे केंद्रीय भूतल परिवहन मंत्री नितीन गडकरी की बेटी के शादी में शरीक होने आए थे। लेकिन शादी की पार्टी में शामिल होने से उन्होंने संघ मुख्यालय पहुंचकर सर संघचालक मोहन भागवत से बंद कमरे में मुलाकात की।
मीडिया से बातचीत के दौरान उध्दव ने बताया कि उन्होंने संघ प्रमुख को नोट बंदी के बाद उपजी समस्याओं से अवगत कराया। आम जन को इससे होनेवाली पीड़ा के बारे में बताया। इस पर मोहन भागवत ने उन्हें समस्या के समाधान के लिए बीच का रास्ता निकालने का आश्वासन दिया। नोटबंदी से उपजे विवाद के बाद भावी चुनाव गठबंधनों पर उन्होंने थोड़ा विचार करते हुए ही सही लेकिन आगे भी चुनाव साथ रहकर लड़ने की बात कही।
बता दें कि सोमवार से शीतसत्र अधिवेशन शुरू होने जा रहा है। ऐसे में नोटबंदी को लेकर सरकार के घिरने के साफ संकेत मिल रहे हैं। मोदी सरकार द्वारा लिए गए फैसले पर राज्य की गठबंधन सरकार से सवाल होने पर गठबंधन दल होने के नाते जवाबदेही उनपर भी आएगी। लेकिन नोटबंदी को लेकर शिवसेना के भीतर भी असहमतियों के सुर सुने जा रहे हैं। ऐसे में शीतसत्र के दौरान नोटबंदी को लेकर विपक्षी दलों द्वारा विरोध पर शिवसेना सरकार के साथ खड़े होने में एकजुट होते नजर नहीं आएगी। यही वजह है कि शीतसत्र से पहले उध्दव ठाकरे की मोहनभागवत से मुलाकात कई मायनों में अहम मानी जा रही है।