Published On : Sun, May 10th, 2020

…कुछ अलग ही हैं नितिन गडकरी –उर्मिलेश

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी भी संघ-शिक्षित भाजपाई हैं. पर कभी-कभी भाजपा के बड़े नेताओं के बीच कुछ अलग दिखते हैं. पता नहीं सच क्या है? बता नहीं सकता क्योंकि मैं निजी तौर पर उन्हे ज्यादा नहीं जानता.

एक पत्रकार के रूप में उनसे कभी मिला भी नहीं. इसलिए उनके राजनीतिक-व्यक्तित्व का मूल्यांकन नहीं कर सकता और न‌ तो कर रहा हूं.

Gold Rate
Wednesday 05 Feb. 2025
Gold 24 KT 84,400 /-
Gold 22 KT 78,500 /-
Silver / Kg 96,200 /-
Platinum 44,000/-
Recommended rate for Nagpur sarafa Making charges minimum 13% and above

अभी जो बात कहने जा रहा हूं, वह सिर्फ एक प्रसंग पर केंद्रित है. अभी हाल ही में श्री गडकरी का एक बयान देखा. कोविड-19 से निपटने और लोगों का बचाव करने के मामले में वह केरल राज्य की कामयाब कोशिशों की जमकर तारीफ़ कर रहे हैं. यानी वह केरल सरकार के अच्छे कामकाज को स्वीकार कर रहे हैं. वह सूबे में शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र में हुए अच्छे कामकाज को महत्वपूर्ण बताते हैं. यह सभी जानते हैं कि केरल में वामपंथी सरकारों ने पिछली सदी के छठे दशक से ही शिक्षा, जन-स्वास्थ्य और भूमि सुधार के क्षेत्र में ठोस कार्यक्रमों की शुरूआत की थी.

श्री गडकरी के मंतव्य का निचोड़ है कि राज्य में शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र के क्षेत्र में जो अच्छे काम हुए, उसके चलते आज कोरोना से निपटने में केरल‌ को आसानी हो रही है. प्रकारांतर से वह केरल की वाम-सरकारों के कामकाज को सराहते नजर आए!

बड़े नेताओं/राजनीतिक व्यक्तियों की बात छोड़िए, आज के दौर में जब देश का मुख्यधारा मीडिया (कुछेक गैर-संस्थागत अपवादों को छोड़कर) भी सच बोलना या सच दिखाना भूल चुका है, एक राजनीतिक व्यक्ति, वह भी घोर वाम-विरोधी एक दक्षिणपंथी पार्टी से जुड़े वरिष्ठ केंद्रीय मंत्री का ऐसा बयान देना विस्मित करता है! आज के दौर में लोग अपने राजनीतिक-विरोधी या आलोचक की अच्छी/सच्ची बातों को भी कहां मंजूर करते हैं!

आप ही सोचिए, विस्मित करने वाली बात है कि नहीं? अंततः गडकरी साहब भी तो उसी पार्टी के वरिष्ठ नेता हैं, जिसमें अपने हर विरोधी, आलोचक या असहमत व्यक्ति को सीधे ‘देशद्रोही’ कहने की लंबे समय से परिपाटी चल पड़ी है!

उर्मिलेश

Advertisement