नागपुर टुडे
रामटेक लोकसभा में सिर्फ उमरेड विधानसभा Schedule Caste के लिए आरक्षित है,पहले अबतक कामठी विधानसभा आरक्षित हुआ करता था.पिछले एक दशक पूर्व में बदलाव किया गया.इस बदलाव से उमरेड खुले संवर्ग से आरक्षित संवर्ग में आ गया.अचानक बदलाव से कामठी और उमरेड विधानसभा कही ख़ुशी तो कही गम जैसा वातावरण भी देखा गया.पिछले चुनाव में उमरेड में भाजपा का खाता खुला। इससे भाजपा समेत मूलक समर्थक खुश थे की नया कांग्रेसी नेता पैदा नहीं हो पाया।
आगामी विधानसभा चुनाव में पुनः कांग्रेस या गठबंधन और भाजपा उम्मीदवारों में सीधी टक्कर होना है.भाजपा अपने वर्तमान विधायक सुधीर पार्वे को मौका देगी तो वही कांग्रेस खुद के उम्मीदवार उतारने बजाय सुलेखा कुंभारे की पार्टी से गठबंधन कर उसे मैदान में उतार सकती है.अब सुलेखा पर निर्भर है कि वह खुद मोदी लहर बीच खुद मैदान में उतरे या अपने किसी उम्मीदवार को उतारे या फिर कांग्रेस का उम्मीदवार उतार कर उसे विधानसभा पहुंचाकर खुद विधानपरिषद की सदस्यता ले ले.यह तो कड़वा सत्य हो चूका है कि मोदी लहर से भाजपा छोड़ सभी भयभीत है.
उमरेड के कांग्रेसी कार्यकर्ताओ का कहना है कि उमरेड से कांग्रेस का उम्मीदवार ही जीतकर आ सकता है,बशर्ते यहाँ के पूर्व कांग्रेसी विधायक राजेंद्र मूलक की इच्छाशक्ति रही तो.इनका कहना यह है कि उमरेड में आरक्षण के दौरान मूलक गुट नया नेता पैदा नहीं होने देना चाहते इसलिए कांग्रेस के शिवाय किसी को भी जीतकर विधानसभा में भेजने में मदद भी करते है.
पुराने कॉंग्रेसियो का कहना है कि कांग्रेस छोड़ शिवसेना गए या भेजे गए राजू पारवे को कांग्रेस ने पुनः वापिस बुलाकर कांग्रेसी उम्मीदवारी दे देनी चाहिए। वर्तमान विधायक सुधीर पारवे को वो ही भलीभाँति टक्कर दे सकता है.और सुलेखा कुंभारे से जिले भर में सहयोग लेकर उसे एमएलसी बना देना चाहिए।
दूसरी और उमरेड विधानसभा को बारीकी से समझने वालो का मानना है कि इस चुनाव में इस क्षेत्र का सबसे आकर्षक उम्मीदवार राजू पारवे होगा,संभावना को नाकारा नहीं जा सकता है कि राजू पारवे भाजपा,कांग्रेस का भी उम्मीदवार हो जाये।दोनों पक्षों ने खटिक समाज का उम्मीदवार उतारा तो दोनों को नुकसान पहुंचाते हुए अन्य दलित उम्मीदवार बाजी मार जायेगा।
वैसे कांग्रेस की टिकट के लिए शिरीष मेश्राम सह संजय मेश्राम उम्मीदवारी मांग रहे है.बसपा भी उमरेड विधानसभा से लोकसभा चुनाव में २३००० मत लिए इसलिए बसपा भी उम्मीदवार जरूर उतारेगी। इस राजनीत को भाँप राजू मेश्राम निर्दलीय मैदान में उतर कर सभी पक्षों का मत लेकर विधानसभा पहुँचने की योजना लिए सक्रिय है.खैर जो भी हो किसी भी उम्मीदवार के लिए रह आसान नहीं है.