वेकोलि में फर्जीवाड़ा के तहत स्वर्गवासी को नौकरी में शामिल ?
नागपूर -जिन भूमिधारक किसानों ने राष्ट्र को अपनी कृषि भूमि और निवास ग्राम भूमि समर्पण की उनके उत्तराधिकारियों को बेरोजगारी और भुखमरी का सामना करना पड रहा हैl जिस जमीन के भीतर दबा कोयला का भंडार को निकालकर वेकोलि को करोडों अरबों रुपये का इजाफा हो रहा हैl जिसके भरोसे पर वेकोलि अधिकारी और कोयला तस्कर मालामाल हो रहे हैं और भूमि धारक किसान कंगाली के कगार पर पंहुच चुके है, हालकि सरकार ने सस्ते दामों मे किसानों की कृषि भूमि अधिग्रहण की है ? उससे किसान संतुष्ट नही है ?
उसके बदले मात्र एक सदस्य को नौकरियां दी गई है परंतु शेष सदस्यों को बेरोजगारी के कारण भुखमरी का सामना करना पडेगा ?
नौकरी और मुआवजा के लिए दर दर भटकते लोग
वेकोलि की गोंडेगांव खुली खदान के भूमिधारक किसानों को नौकरियां तथा मुआवजा पाने के लिए आफिस के चक्कर लगाने पड रहे हैं, बताते हैं कि पिछले 22 सालों से अधिक समय हो रहा है अभि तक उन्हे न्याय नहीं मिल पा रहा है. वेकोलि अधिकारी सरकार द्वारा घोषित करारनामा ही भूल रहे हैं. करीबन 120 किसान अभि भी न्याय से वंचित है. इस संबंध मे वेकोलि परियोजना से प्रभावित लोगों का आरोप है कि अभी तक केवल 500 लोगों को नौकरियां दी गई है ? जिसमें से 250 लोगों को फर्जी दस्तावेज के आधार पर वेकोलि मे समाविष्ट किया गया है ?
नौकरी भर्ती के लिए वेकोलि मे फर्जीवाडा
क्या आप यकीन कर सकते है कि जमीन किसी की और नौकरी किसी और को दे दी गई है ? यह ऐसी ही आश्चर्यजनक घटना मौजा गोंडेगांव ओपनकास्ट कोयला अंचल मे घट चुकी है ? सूत्रों की मानें तो वेकोलि मुख्यालय ने भारी-भरकम रुपैया ले-देकर स्वर्गवासी व्यक्तियों के नाम पर अनेक लोगों को नौकरी दे दीं गई है। इस संबंध में वेकोलि परियोजना पीड़ितों ने भारत सरकार की सीबीआई से मामले की जांच की मांग की है।
हालांकि मामले की वेकोलि मुख्यालय की तरफ से जांच पड़ताल शुरू की गई थी परंतु संबंधित जांच अधिकारियों ने खानापूर्ति औपचारिकता पूरी करने के बाद मामले की फाइल आलमारी में बंद कर दिया गया है। इससे मामला और भी पेचीदा हो गया है। बतलाते हैं कि वेकोलि के संबंधित अधिकारियों के अन्यत्र ताबादला हो गया है। उनमे से अनेक अधिकारी को वेकोलि में सेवानिवृत्त हो चुके है। परिणामत: वर्तमान परिवेश में संबंधित अधिकारी मामले को सुलझाने के वजाय एक दूसरे के ऊपर ढकेलते हुए टालमटोल रवैया अपनाया जा रहा है।
अधिकारी कोयला तस्करी में मश्गुल है
गोपनीय सूत्रों की मानें तो वेकोलि मुख्यालय के सतर्कता विभाग की सांठगांठ से वेकोलि गोंडेगांव ओपन कास्ट कोयला खदान के क्षेत्रीय महाप्रबंधक क्षेत्रीय प्रबंधक और उपप्रबंधकों के दिशा निर्देशों पर कोयला की अवैध तस्करी जोरों पर है। इससे कोल इंडिया लिमिटेड का दिवाला निकल रहा है। उधर कोयला मंत्रालय की चुप्पी भी चिंता का विषय बना हुआ है।