नई दिल्ली: वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज 2018-19 का आम बजट पेश किया. सबकी निगाहें इस बात पर थी कि क्या वह इनकम टैक्स में आम जनता को कुछ राहत देंगे. लेकिन जेटली ने उम्मीदों के विपरीत ऐलान किया कि इनकम टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं होगा. यानि ढाई लाख तक की आमदनी ही टैक्स फ्री होगी.
उम्मीद लगाई जा रही थी कि जेटली इस बार मौजूदा टैक्स छूट 2.5 लाख को बढ़ाकर 3 लाख कर सकते हैं. अगर जेटली ऐसा ऐलान करते तो इससे हजारों नौकरीपेशा लोगों को फायदा मिलता. अगर वह छूट की सीमा को 2.5 लाख रुपये से बढ़ाकर 3 लाख रुपये करते तो आम जनता को इससे बड़ी राहत मिलती.
मौजूदा इनकम टैक्स स्लैब
0 से 2.5 लाख रुपये : कोई टैक्स नहीं
2.5 लाख से 5 लाख रुपये : 5%
5 लाख से 10 लाख रुपये: 20%
10 लाख से ऊपर आमदनी : 30%
हालांकि जेटली ने ऐलान किया कि इनकम टैक्स में स्टैंडर्ड डिडक्शन के तहत 40,000 रुपये की छूट मिलेगी. यानि, वेतनभोगी वर्ग को मेडिकल और ट्रांसपोर्ट रीइंबर्समेंट के तहत 40,000 रुपये का स्टैंडर्ड डिडक्शन मिलेगा. सैलरीड क्लास को स्टैंडर्ड डिडक्शन की सुविधा देने से राजस्व में 8,000 करोड़ रुपये की कमी आएगी.
वहीं, डिपॉजिट पर मिलने वाली छूट 10,000 रुपये से बढ़कर 50,000 रुपये करने का भी ऐलान किया. बहरहाल, इनकम टैक्स में बदलाव नहीं करके जेटली ने एक तरह से वेतनभोगी वर्ग को निराश ही किया है.
जेटली ने म्युचूअल फंड्स से कमाई पर 10 फीसदी टैक्स का ऐलान किया. जेटली ने ऐलान किया कि 1 लाख रुपये से अधिक के लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स पर 10 फीसदी टैक्स. इस ऐलान से शेयर बाजार में गिरावट आई और ये 460 अंकों तक गिरा.